लाल किले धमाके के एक माह बाद गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि धमाके में 40 किलो विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल किया गया, जबकि तीन टन विस्फोटक सामग्री पकड़ी गई। गृह मंत्री ने दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘आतंकवाद विरोधी सम्मेलन-2025’ का उद्घाटन किया और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि दिल्ली विस्फोट की जम्मू और कश्मीर पुलिस की जांच की भी सराहना की, जिसमें 40 किलो विस्फोट, लेकिन और विस्फोट होने से पहले ही तीन टन जब्त कर लिया गया और इस साजिश में शामिल पूरी टीम को दिल्ली विस्फोट होने से पहले गिरफ्तार कर लिय गया था।

एजेंसियों ने किया प्रभावी काम

गृह मंत्री ने कहा, “इस नेटवर्क को लेकर किए गए जांच में सभी एजेंसियों ने प्रभावी रूप से काम किया। पहलगाम और दिल्ली धमाके के केस की जांच रुटीन पुलिसिंग ही नहीं बल्कि पुख्ता जांच के बेहतरीन उदाहरण हैं। यह इस बात का भी एक अहम उदाहरण है कि कैसे एक निरंतर सतर्क अधिकारी देश को इतने बड़े संकट से बचा सकता है।”

लाल किला धमाके में 15 लोगों की हुई थी मौत

जानकारी दे दें अब तक, डॉ. उमर-उन-नबी से जुड़े नौ लोगों को एनआईए ने गिरफ्तार किया है, जिन्होंने 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किले के पास कार विस्फोट किया था, जिसमें 15 लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।

पाकिस्तान को दिया कड़ा संदेश

उन्होंने बैसारन घाटी हमले के जवाब की तारीफ की। उन्होंने कहा,”इस हमले के जरिए आंतकी देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ना चाहते थे और कश्मीर के विकास और पर्यटन को बर्बाद करना चाहते थे। सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर हमारी सेना ने सभी तीनों आतंकियों को मार गिराया और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया।”

आगे अमित शाह कहा,”यह पहली आतंकी घटना है जिसमें आतंकी हमले की योजना बनाने वालों को हमने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए सजा दी और जिन लोगों ने उन्हें हथियार मुहैया कराए और इससे उन्होंने हमले किए, उन्हें ऑपरेशन महादेव के जरिए खत्म कर दिया गया। दोनों ही मामलों में केंद्र सरकार, भारतीय सुरक्षा बलों औप जनता ने अपने सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों के जरिए पाकिस्तान के आतंकी आकाओं को करारा जवाब दिया है।”

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