Amit Shah on CAA: सीएए लागू करने को केंद्र की मोदी सरकार अपनी उपलब्धि के तौर पर पेश करती रही है। वहीं इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार पर हमलावर रहा है। इस बीच आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत में शरण लेने वाले लोगों को 1947 से 2014 तक न्याय नहीं दिया गया था, लेकिन मोदी सरकार ने यह कर दिया है।
न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के अनुसार अमित शाह ने आज कहा है कि सीएए सिर्फ लोगों को नागरिकता देने के लिए नहीं है, यह लाखों लोगों को न्याय और अधिकार देने के लिए भी है। कांग्रेस और उसके सहयोगियों की तुष्टिकरण की राजनीति के कारण, शरण लेने वाले लोगों को 1947 से 2014 तक न्याय नहीं मिला।
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PM मोदी ने दिया पीड़ितों को न्याय
अमित शाह ने हिंदुओं को लेकर कहा है कि उन्हें पड़ोसी देशों में इसलिए प्रताड़ित किया गया क्योंकि वे हिंदू, बौद्ध, सिख या जैन थे, लेकिन उन्हें अपने देश में भी प्रताड़ित किया गया। अमित शाह ने कहा है कि भारतीय गठबंधन की तुष्टिकरण की राजनीति ने उन्हें न्याय नहीं दिलाया। पीएम मोदी ने उन्हें न्याय दिलाया।
सीएए को मुस्लिम विरोधी होने के विपक्षी दलों के आरोपों पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि किसी की भी नागरिकता नहीं जाएगी, सीएए हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन शरणार्थियों को अधिकार देने के बारे में है। मैं अपने मुस्लिम भाइयों और बहनों को यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि सीएए नागरिकता देने के बारे में है, इसे छीनने के बारे में नहीं।
कानून का पालन करने वालों को नहीं मिला न्याय
अमित शाह ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने घुसपैठियों को देश में आने दिया और उन्हें अवैध रूप से नागरिकता प्रदान की, जबकि उन लोगों को नागरिकता देने से इनकार कर दिया जिन्होंने कानून का पालन किया और इसके लिए आवेदन किया, यह कहकर कि इसके लिए कोई कानूनी प्रावधान नहीं है।
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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि विभाजन के समय बांग्लादेश में 27 प्रतिशत हिंदू थे, लेकिन आज वे केवल 9 प्रतिशत रह गए हैं, क्योंकि उनका जबरन धर्म परिवर्तन किया गया है।
अमित शाह ने गुजरात के अहमदाबाद में 188 हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपे। एक शरणार्थी प्रेम लता ने एएनआई को बताया कि हमें वहां शांति से रहने की अनुमति नहीं थी। हमें वहां परेशान किया गया। हम यहां आए और हमें नागरिकता मिल गई। हम बहुत खुश हैं।