दिल्ली सरकार द्वारा संचालित आंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली (एयूडी) 2023-24 शैक्षणिक सत्र से विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के लिए पांच नए संस्थान शुरू करेगा। नए संस्थानों में सार्वजनिक नीति, गणित और डेटा विज्ञान, स्वदेशी ज्ञान और जनजातीय अध्ययन, मीडिया अध्ययन और दर्शन और धर्म अध्ययन में स्नातक तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की पेशकश की जाएगी।
विवि बयान के अनुसार एयूडी में इन नए संस्थानों को शामिल करना भारत में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और तेजी से बदलती औद्योगिक मांगों के अनुसार विद्यार्थियों को तैयार करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
राज्यों में स्कूली शिक्षकों के खाली पद भरने के लिए स्वायत्त शिक्षक भर्ती बोर्ड गठित हों: समिति
संसद की एक समिति ने राज्यों के स्कूलों में शिक्षकों के बड़ी संख्या में खाली पदों पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि कई प्रदेशों में इनकी भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है, ऐसे में राज्य स्तर पर एक स्वायत्त शिक्षक भर्ती बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए। संसद में पेश महिला, बाल विकास, खेल एवं शिक्षा संबंधी स्थायी समिति की स्कूली शिक्षा विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग की अनुदान की मांगों पर रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने कहा कि राज्य स्तर पर स्कूलों में शिक्षकों के कुल 62,71,380 स्वीकृत पदों की तुलना में 9,86,565 पद खाली हैं। इनमें से प्रारंभिक स्तर पर 7,47,565 पद खाली हैं जबकि माध्यमिक स्तर पर 1,46,334 पद और उच्च माध्यमिक स्तर पर 92,666 पद खाली हैं। समिति ने यह सिफारिश की है कि विभाग को नई शिक्षा नीति 2020 के तहत परिकल्पित 30 : 1 के विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात को हासिल करने के लिए शिक्षण कर्मियों की रिक्तियों को संबद्ध ढंग से भरने के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहित करना चाहिए।
एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में एनईपी के अनुरूप संशोधन स्कूलों में 2024-25 सत्र से आने की संभावना
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार संशोधित एनसीईआरटी की नई पाठ्यपुस्तकों को 2024-25 शैक्षणिक सत्र से स्कूलों में पेश किए जाने की संभावना है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पाठ्यपुस्तकों को राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ) के अनुसार तैयार किया जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई पाठ्यपुस्तकों को 2024-25 शैक्षणिक सत्र से पेश किए जाने की संभावना है। यह एक लंबा काम है, लेकिन हम इसके लिए लक्ष्य बना रहे हैं। पाठ्यपुस्तकों को नई एनसीएफ के अनुसार संशोधित किया जाएगा, जिस पर काम पहले से ही चल रहा है। संशोधित एनसीएफ के अनुसार विकसित एनसीईआरटी की सभी पाठ्यपुस्तकें डिजिटल प्रारूप में भी उपलब्ध होंगी।
कर्नाटक का कालेज मुफ्त में कराएगा एमबीबीएस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक में बंगलुरु के पास चिकबलपुर में हाल ही में एक ऐसे मेडिकल कालेज का उद्घाटन किया है जो मेडिकल की शिक्षा बिना कोई शुल्क लिए देगा। यहां एमबीबीएस पाठ्यक्रम मुफ्त में करवाएगा जाएगा जबकि अन्य निजी मेडिकल कालेजों विद्यार्थियों से इस पाठ्यक्रम के लिए 80 लाख से डेढ़ करोड़ रुपए तक लिए जाते हैं।
श्री मधुसूदन साई इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च में विद्यार्थियों का दाखिला राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) के माध्यम से होगा। चिकबलपुर के इस संस्थान को एमबीबीएस की 100 सीटें दी गई हैं। इस कालेज में न केवल पाठ्यक्रम मुफ्त होगा बल्कि यहां आवास और भोजन भी निशुल्क होगा। इस मेडिकल कालेज की स्थापना सद्गुरु श्री मधुसूधन साई ने की है।
मेडिकल कालेज के संस्थापक सद्गुरु श्री मधुसूधन साई ने कहा कि भारत में चिकित्सा शिक्षा की बहुत आवश्यकता है। नीट-यूजी को हर साल 18 लाख से ज्यादा उम्मीदवार देते हैं। उनमें से आठ से नौ लाख बच्चे उत्तीर्ण भी होते हैं, लेकिन सीटें सीमित हैं। पूरे देश में 660 चिकित्सा कालेजों में करीब एक लाख 10 हजार सीटें होंगी। इनमें से भी आधी सीटें निजी कालेजों में हैं, जहां पर शुल्क बहुत ज्यादा होता है।