कांग्रेस की पंजाब इकाई में चल रही कलह के बीच मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह मंगलवार को चॉपर से दिल्ली पहुंचे। दिल्ली में वो पार्टी अध्यक्ष अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी हिस्सा लेंगे। इधर नवजोत सिद्धू के तेवर अब भी गरम हैं।
पंजाब में सरकार और संगठन में फेरबदल से पहले सोनिया गांधी और कैप्टन की ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है। बताते चलें कि पिछले सप्ताह कांग्रेस की पंजाब इकाई में व्याप्त कलह को दूर करने के प्रयासों के बीच पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ लंबी बैठक की थी। गौरतलब है कि हाल के दिनों में सिद्धू लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वह मुख्यमंत्री के साथ काम नहीं कर सकते।
हाल के कुछ हफ्तों से सिद्धू और पंजाब कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सिद्धू का कहना है कि गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कारगर कदम भी नहीं उठाए गए।
इधर सिद्धू ने पंजाब में पिछली शिअद-भाजपा सरकार के दौरान बिजली खरीद समझौतों (पीपीए) पर एक श्वेत पत्र जारी करने की सोमवार को मांग की, ताकि इन “भ्रष्ट समझौतों” के लिए बादल परिवार को “जवाबदेह” बनाया जा सके। सिद्धू ने कहा कि वह 2017 से श्वेत पत्र की मांग कर रहे हैं।
सिद्धू ने एक ट्वीट में कहा था, “पंजाब विधानसभा में पीपीए पर एक श्वेत पत्र लाया जाना चाहिए ताकि बादल और इन भ्रष्ट समझौतों के अन्य कर्ताधर्ताओं को लोगों के प्रति जवाबदेह बनाया जा सके … मैं 2017 से इसकी मांग कर रहा हूं, लेकिन विभाग पर नौकरशाही का नियंत्रण जनता द्वारा चुने गए मंत्रियों को महज दिखावा बना देता हैं।”