उत्तर प्रदेश पुलिस ने राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के नेता जयंत चौधरी और 5,000 अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। दरअसल इन लोगों के खिलाफ दो दिन पहले अलीगढ़ में एक बड़ी किसान सभा को लेकर मामला दर्ज किया गया है। चौधरी और अन्य के खिलाफ महामारी कानून के उल्लंघन और कोविड प्रोटोकॉल तोड़ने के लिए महामारी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। मंगलवार को दर्ज की गई एफआईआर में चौधरी सहित सिर्फ 22 व्यक्तियों के नाम हैं, जबकि अन्य का नाम नहीं है।
FIR में कहा गया है, “लगभग 5,000-6,000 लोग तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की महापंचायत में भाग ले रहे थे, जहां RLD नेता जयंत चौधरी भी आए और चौधरी राज सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में (बीकेयू नेता) राकेश टिकैत का समर्थन किया। ये सभा COVID-19 महामारी के बीच आयोजित की गई थी। जिसमें हिस्सा लेने वालों ने फेस मास्क नहीं पहना हुआ था, सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया गया और सीआरपीसी 144 के आदेशों का उल्लंघन किया गया।”
आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोलते हुए RLD उपाध्यक्ष ने ट्वीट किया, “बाबा बता दें कब और कहाँ गिरफ़्तारी देनी है!” जयंत चौधरी ने एफआईआर की खबर भी शेयर की। एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 , 269 और 270 के तहत दर्ज की गई है। महामारी कानून की धारा 3 भी लगाई गई है। जयंत चौधरी और अन्य पर आईपीसी की धारा 147 के तहत दंगा करने का भी आरोप लगाया गया है। एफआईआर अलीगढ़ के गोंडा पुलिस स्टेशन में एक स्थानीय सब-इंस्पेक्टर द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर दर्ज की गई।
बता दें कि RLD नेता उत्तर प्रदेश में तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों से मिल रहे हैं। इस तरह की और बैठकें फरवरी-अंत तक करने की योजना पार्टी की है। पिछले साल नवंबर के अंत से हजारों किसान टिकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान चाहते हैं कि केंद्र इन कानूनों को निरस्त करे और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए एक नया कानून बनाए। सरकार ने प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों के साथ 11 दौर की बातचीत की है।