Ali Khan Mahmudabad Moves Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के अशोका विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर और राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख अली खान महमूदाबाद की याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई है।

अली खान ने ऑपरेशन सिंदूर पर सोशल मीडिया पोस्ट के कारण अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर की है। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मामले की जल्द सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई 20 या 21 मई को होगी।

क्या है मामला?

अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर (Ashoka University Professor) अली खान महमूदाबाद (Ali Khan Mahmudabad) को हरियाणा पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों को लेकर टिप्पणी की थी। जिससे सांप्रदायिक विद्वेष को बढ़ावा मिला। अली खान महमूदाबाद उत्तर प्रदेश के महमूदाबाद के राजा परिवार से आते हैं।

कौन हैं अली खान महमूदाबाद?

अली खान महमूदाबाद का जन्म 2 दिसंबर 1982 को हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा लॉ मार्टिनियर कॉलेज, लखनऊ से की। इसके बाद वे 1996 तक किंग्स कॉलेज स्कूल में पढ़ने के लिए इंग्लैंड चले गए। उन्होंने 2001 में विनचेस्टर कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और उसके बाद ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

महमूदाबाद 2018 में पार्टी में शामिल होने के बाद 2019 से 2022 तक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे। पार्टी में सक्रिय रहने तक उन्हें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सबसे करीबी सहयोगियों में गिना जाता था। 2022 के बाद से महमूदाबाद के पास पार्टी में कोई आधिकारिक पद नहीं है और वे राजनीति में एक्टिव नहीं हैं।

कौन हैं अली खान महमूदाबाद? ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी के लिए किया गया गिरफ्तार

महमूदाबाद मोहम्मद आमिर मोहम्मद खान ‘सुलेमान’ के बेटे हैं, जिन्हें राजा साहिब महमूदाबाद के नाम से जाना जाता है, जिन्होंने अपने जीवन के लगभग 40 साल सरकार द्वारा शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत जब्त की गई अपनी पैतृक संपत्ति को वापस पाने के लिए कानूनी लड़ाई में बिताए। सुलेमान 1965 में कैम्ब्रिज भी गए और गणित का अध्ययन किया। सुलेमान का राजनीतिक जीवन भी रहा है और वह महमूदाबाद से दो बार कांग्रेस के विधायक रहे तथा उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र में एक लोकप्रिय राजनेता थे।

उनकी संपत्तियों में लखनऊ के बीचों-बीच कई बड़े भूखंड शामिल हैं, जिनमें प्रतिष्ठित बटलर पैलेस, हजरतगंज बाजार का एक बड़ा हिस्सा, हलवासिया बाजार, महमूदाबाद किला शामिल हैं। इन सभी की कीमत कई हजार करोड़ रुपये है। महमूदाबाद परिवार की संपत्तियां लखनऊ, सीतापुर और उत्तराखंड के नैनीताल में फैली हुई हैं।

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