Akhilesh Yadav and Arvind Kejriwal Meeting: केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच चल रही तकरार के बीच आज अखिलेश यादव और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बीच मुलाकात होनी है। सीएम केजरीवाल ने दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ राजनीतिक दलों के नेताओं से समर्थन मांगा है। अखिलेश यादव के साथ होने वाली बैठक में पंजाब की सीएम भगवंत मान, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा भी मौजूद रहेंगे। बैठक से पहले अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार के गैर संवैधानिक अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली की जनता के हक में समर्थन मांगने के लिए कल मैं और भगवंत मान साहिब लखनऊ में अखिलेश यादव जी से मिलेंगे।

बैठक से पहले आया अखिलेश का बयान

अरविंद केजरीवाल से मुलाकात से पहले अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली के तमाम सवाल हैं। उनके अधिकारों को छीना जा रहा है। उसको लेकर बैठक होगी, क्या बातें होंगी यह अभी कहना मुश्किल है। अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र और संविधान को मारने वाला दल है। वो लोकतंत्र की परवाह नहीं करती हैं। अगर संविधान ही नहीं रहेगा तो लोगों को न्याय कैसे मिलेगा। सरकार हर सीमा लांघ गई है। प्रशासन कानून सब इनके साथ है। सांसद कुछ भी कर सकते हैं कोई कार्रवाई नहीं होगी। विपक्ष होगा तो झूठे मुकदमे लगेंगे, बुलडोजर चला दिया जाएगा।

केंद्र सरकार के अध्यादेश में क्या है?

बता दें कि केंद्र और दिल्ली सरकार के अधिकारियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र 19 मई को एक अध्यादेश लेकर आया। इसमें केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलट दिया। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में पुलिस, लोक व्यवस्था और भूमि को छोड़ बाकी अधिकार दिल्ली की निर्वाचित सरकार को देने का फैसला सुनाया था। केंद्र सरकार ने अपने अध्यादेश में दिल्ली में अधिकारियों के तबादलों के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण गठित करने का प्रावधान किया गया है। इसी को लेकर अरविंद केजरीवाल ने कई दलों से इस अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगा है।

किस-किस से हो चुकी है मुलाकात?

अरविंद केजरीवाल की इस मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, एनसीपी चीफ शरद पवार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात हो चुकी है। उन्होंने अध्यादेश को लेकर समर्थन भी मांगा है। केजरीवाल की ओर से इस मामले में कांग्रेस से भी समय मांगा गया था। हालांकि सूत्रों को कहना है कि कांग्रेस अध्यादेश को लेकर अरविंद केजरीवाल की मांग से सहमत नहीं है। उसका रुख अभी इस मामले में स्पष्ट नहीं है।