सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने स्वीकार कर लिया है कि उन्हें भी राम मंदिर कार्यक्रम का निमंत्रण मिला है। लेकिन वे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होने वाले हैं, बल्कि वे समारोह के बाद पूरे परिवार के साथ अयोध्या जाने की तैयारी कर रहे हैं। सपा प्रमुख की तरफ से चंपत राय को एक चिट्ठी लिखी गई है जिसमें उन्होंने निमंत्रण मिलने की बात स्वीकार कर ली है।
अखिलेश की तरफ से 22 जनवरी के कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं दी गई हैं। उन्होंने कहा है कि वे समारोह के बाद मंदिर जरूर जाएंगे। जोर देकर बोला गया है कि वे पूरे परिवार के साथ राम मंदिर के दर्शन करने आएंगे। अब ये बयान इसलिए मायने रखता है क्योंकि इससे पहले तक अखिलेश यादव सिर्फ इतना कह रहे थे कि उन्हें जिनसे कार्यक्रम के लिए निमंत्रण मिला था, वे उन्हें जानते नहीं थे, ऐसे में वे शामिल नहीं होने वाले थे। लेकिन अब इस चिट्ठी के जरिए उन्होंने निमंत्रण मिलने की बात पर मुहर लगा दी है।
वैसे इंडिया गठबंधन के कई नेता इस समय राम मंदिर कार्यक्रम में नहीं जाने वाले हैं। इस लिस्ट में ममता बनर्जी, मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, अधीर रंजन चौधरी जैसे कई नेता शामिल हैं। उद्धव ठाकरे ने भी कार्यक्रम में आने से मना कर दिया है। विपक्षी दलों का तर्क है कि ये एक बीजेपी का इवेंट बन चुका हैं, ऐसे में इसमें शामिल होने का कोई मतलब नहीं।
कुछ पार्टियों द्वारा ये तर्क भी दिया जा रहा है कि अभी तक मंदिर निर्माण पूरा ही नहीं हुआ, ऐसे में किस वजह से हड़बड़ी में ये प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम किया जा रहा है। लेकिन अखिलेश यादव ने सेफ खेलते हुए मंदिर ट्रस्ट को कार्यक्रम की बधाई दे दी है। उनकी तरफ से 22 जनवरी से जरूर दूरी बनाई गई है, लेकिन बाद में पूरे परिवार के साथ जाने का वादा भी कर दिया है।