Akhilesh Yadav On Emergency: देश में इमरजेंसी लगे 48 साल पूरे हो चुके हैं। 1975 में आज ही के दिन से 21 महीने के लिए इमरजेंसी लागू हो गई थी। 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का यह समय भारत के लिए किसी काले अध्याय से कम नहीं था। यह दौर तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार की मनमानियों का दौर था। आपातकाल की बरसी को लेकर तमाम दलों के नेताओं ने इसे कभी न भूलने वाला कालखंड बताया है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कुछ अलग ही बयान दिया है।
इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं: अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा, ‘आज ही के दिन आपालकाल लागू हुआ था। वह एक पुराना इतिहास है,लेकिन आज भी आपातकाल है। अगर आज आप बोलेंगे तो आपके खिलाफ कार्रवाई हो जाएगी। आज का आपातकाल ऐसा है कि आप तक सच्चाई नहीं पहुंचेगी। इस सरकार से कोई न्याय की उम्मीद नहीं कर सकता। आज के आपातकाल के हालात पहले से ज्यादा खराब हैं।’
25 जून, 1975 देश के इतिहाल का काला दिन: योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामनाथ गोयनका मार्ग के उद्घाटन के दौरान कहा कि 25 जून 1975 का दिन लोकतांत्रिक भारत के लिए काले अध्याय के तौर पर जाना जाता है। जब देश में आपातकाल लागू हुआ था। लेकिन उस दौर में लोकतंत्र को बचाने के लिए मीडिया को रामनाथ गोयनका जी ने किसी भी हद तक जाकर काम करने का जज्बा दिया था।
योगी ने कहा कि गोयनका परिवार ने लोकतंत्र को बचाने के लिए काम किया है। जिस राष्ट्रवादी मिशन के साथ जुड़े हैं रामनाथ गोयनका भी उसे से जुड़े थे। इस दौरान सीएम योगी ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार मिलने का भी ज़िक्र किया।
Dark Days Of Emergency: पीएम मोदी
आपातकाल की बरसी के पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा- ”मैं उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और हमारी लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए काम किया। #DarkDaysOfEmergency हमारे इतिहास की कभी न भूलाने वाली वो अवधि है, जो हमारे संविधान की ओर से बनाए गए मूल्यों के बिल्कुल विपरीत है।”