एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार को सीधी चुनौती देने का काम किया है। बुधवार को शक्ति प्रदर्शन वाली मीटिंग में अजित ने घोषणा कर दी थी कि वे एनसीपी के नए अध्यक्ष हैं। अब उनके उस ऐलान के बाद शरद पवार ने साफ कर दिया है कि किसी के भी कुछ भी बोलने की अहमियत नहीं है क्योंकि एनसीपी के अध्यक्ष वहीं रहने वाले हैं।

दिल्ली बैठक में पवार ने क्या कहा?

जानकारी के लिए बता दें कि शरद पवार ने राजधानी दिल्ली में गुरुवार को एनसीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की थी। उस बैठक में ही शरद पवार ने अपने भतीजे अजित को सीधी चुनौती देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मैं ये साफ कर दूं कि एनसीपी का अध्यक्ष मैं ही हूं। कौन क्या बोल रहा है, इसकी कोई अहमियत नहीं। उम्र चाहे 82 साल हो या 92 मैं अभी भी प्रभावशाली हूं।

अजित को सबसे बड़ा झटका?

यहां ये समझना जरूरी है कि बुधवार को अजित के खेल के बाद आज शरद पवार ने भी कड़े तेवर दिखाए। दिल्ली बैठक के दौरान कई नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। असल में दिल्ली में हुई एनसीपी की मीटिंग में 8 प्रस्ताव पास किए गए। एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग के बाद पीसी चाको ने कहा कि कमेटी ने पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार में पूरा विश्वास जताया। उन्होंने बताया कि वर्किंग कमेटी ने प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे सहित उन 9 नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है जिन्होंने एनडीए से हाथ मिलाया।

चुनाव आयोग में क्या खेल चल रहा?

अब ये बयान इसलिए मायने रखता है क्योंकि अजित ने पूरी एनसीपी पर अपना दावा ठोक दिया है। उनकी तरफ से ये तक कहा जा चुका है कि अब जयंत पाटिल को प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उनकी तरफ से चुनाव आयोग को एक अर्जी भी दे दी गई है जिसमें साफ कहा गया है कि उनका गुट असली एनसीपी है और उन्हें ही चुनाव चिन्ह के साथ मान्यता दी जानी चाहिए। वहीं शरद पवार के गुट ने भी चुनाव आयोग का ही दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अपील है कि सभी 9 विधायक जिन्होंने बगावत की है, उन्हें अयोग्य ठहरा दिया जाए।