Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में इस समय बड़े उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। शिवसेना के बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला आने के बाद अब एनसीपी को लेकर चर्चा तेज हो गई है। शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने अजित पवार गुट वाले एनसीपी विधायकों की अयोग्यता को लेकर स्पीकर राहुल नार्वेकर को याचिकाएं दी हैं। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में 31 जनवरी से पहले फैसला आ सकता है। सचिवालय की ओर से इस मामले कार्यवाही तेज हो गई है।
अयोग्यता को लेकर कार्यवाही शुरू
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक एनसीपी के अजित पवार और शरद पवार गुट को लेकर विधानसभा सचिवालय के रिकॉर्ड के मुताबिक कार्यवाही 6 जनवरी से शुरू हो चुकी है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि 18 जनवरी से पहले एनसीपी के दोनों गुट गवाहों और हलफनाओं की लिस्ट का आदान-प्रदान करने वाले हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि एनसीपी विधायकों की अयोग्या को लेकर अंतिम सुनवाई 25 जनवरी से शुरू होगी और 27 जनवरी को समाप्त होगी। इसके बाद स्पीकर राहुल नार्वेकर इस मामले में अपना फैसला सुनाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने भी एनसीपी के मामले में स्पीकर को फैसला लेने के लिए 31 जनवरी तक का समय दिया है।
चुनाव आयोग तक पहुंचा मामला
अजित गुट इस मामले को लेकर पहले ही चुनाव आयोग पहुंच चुका है। चुनाव आयोग को दी गई याचिका में अजित पवार गुट की ओर से कहा गया कि अजित पवार को एनसीपी के प्रमुख के तौर पर मान्यता दी गई है। चुनाव चिन्ह घड़ी भी अजित पवार गुट को दिया गया है। चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अजित गुट का कहना है कि हमारा मामला शिवसेना गुट से अलग है। हमने जब एनडीए की बैठक में हिस्सा लिया तब हमारे खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई। जबकि शिंदे गट पर व्हिप का उल्लंघन करने का आरोप लगा था।