महाराष्ट्र की सरकार में रविवार (2 जुलाई, 2023) को बड़ा बदलाव हुआ है। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी में कुछ दिनों से चल रही हलचल के बाद शरद पवार को आज बड़ा झटका लगा है। उनके भतीजे और पार्टी नेता अजित पवार आज एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। उनके साथ 9 और विधायकों भी कैबिनेट शामिल हो गए हैं।

अजित पवार ने आज राजभवन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ छगन भुजबल, धनंजय मुंडे जैसे कई अन्य एनसीपी के बड़े नेता भी राज्य सरकार में शामिल हो गए हैं।

इन NCP नेताओं ने ली मंत्री पद की शपथ

  • अजित पवार
  • छगन भुजबल
  • दिलीपराव दत्तात्रेय
  • हसन मियालाल मुश्रिफ
  • धनंजय मुंडे
  • धर्मराव बाबा भगवंतराव
  • अदिति सुनील तटकरे
  • संजय बाबूराव बनसोडे
  • अनिल भाईदास पाटिल

महाराष्ट्र विधानसभा में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के कुल 53 विधायक हैं, जिनमें से 30 विधायक अजित पवार के साथ हैं, लेकिन सूत्रों के हवाले से ऐसी भी खबरें हैं कि उन्हें 40 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के ऐलान से पहले अजित पवार ने आज मुंबई में अपने आधिकारिक आवास देवगिरि में पार्टी के कुछ नेताओं और विधायकों से मुलाकात की थी। बैठक में एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले भी उपस्थित थीं। हालांकि, एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने पुणे में कहा कि उन्हें बैठक की जानकारी नहीं है, लेकिन विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष होने के नाते अजित पवार विधायकों की बैठक बुला सकते हैं।

अजित पवार के शपथ ग्रहण में प्रफुल्ल पटेल भी हुए शामिल

अजित पवार के शपथ ग्रहण समारोह में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल भी शामिल हुए थे। पिछले कुछ दिनों में एनसीपी में भी काफी उठा-पटक देखने को मिली और अजित पवार की नाराजगी की खबरें भी आ रही थीं।

जब शरद पवार ने पार्टी के प्रमुख के तौर पर इस्तीफे का ऐलान किया तो लगा था कि अजित पवार को कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि, शरद पवार ने समर्थकों की मांग पर अपना इस्तीफा वापस ले लिया और कुछ दिन बाद सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी सौंप दी, लेकिन अजित पवार को कई जिम्मेदारी नहीं मिली। हाल ही में दिल्ली में हुई पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक में भी अजित पवार शामिल नहीं हुए थे। यहां तक कि पार्टी के पोस्टरों से भी वह गायब थे।