रविवार को उत्तरप्रदेश के हरदोई में आयोजित एक कार्यक्रम में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना एक ही संस्था से पढ़ाई कर बैरिस्टर बने थे और देश की आजादी के लिए लड़े थे। अखिलेश यादव के इस बयान पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि भारतीय मुस्लिमों का इससे कोई सरोकार नहीं है। साथ ही उन्होंने सपा प्रमुख को इतिहास पढ़ने की नसीहत दी है।

हैदराबाद से एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अखिलेश यादव को यह समझना चाहिए कि भारतीय मुस्लिमों का मोहम्मद अली जिन्ना से कोई सरोकार नहीं है। हमारे पूर्वजों ने पहले ही जिन्ना की टू नेशन थ्योरी को नकार दिया और भारत को अपने देश के रूप में स्वीकार किया।

सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यह भी कहा कि अगर अखिलेश यादव यह सोचते हैं कि उनके इस तरह से बयान से लोगों का एक तबका खुश होगा तो मुझे लगता है कि वे गलत हैं और उनको अपने सलाहकार को बदल देना चाहिए। उनको थोड़ा खुद को शिक्षित करना चाहिए और इतिहास पढ़ना चाहिए।

बता दें कि रविवार को उत्तरप्रदेश के हरदोई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि सरदार पटेल जमीन को पहचानते थे और जमीन को देखकर फैसले लेते थे। वह जमीन को समझ लेते थे तभी फैसला लेते थे, इसलिए आयरन मैन के नाम से जाने जाते हैं। सरदार पटेल जी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था में पढ़ कर बैरिस्टर बन कर आए थे। उन्होंने एक ही जगह पर पढ़ाई लिखाई की। वो बैरिस्टर बने। उन्होंने आजादी दिलाई। अगर उन्हें किसी भी तरह का संघर्ष करना पड़ा होगा तो वो पीछे नहीं हटे। साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि एक विचारधारा(आरएसएस) पर अगर किसी ने पाबंदी लगाई थी तो लौह पुरुष सरदार पटेल जी ने पाबंदी लगाई थी।

अखिलेश यादव के इस बयान पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी और उन्हें लोगों से माफ़ी मांगने के लिए कहा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ लोग अपनी विभाजनकारी मानसिकता से बाज नहीं आ रहे हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष का बयान इसी बात को प्रदर्शित करता है। जिन्ना के महिमामंडन के लिए उनको देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।