एआईएमआईएम (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने प्रधानमंत्री मोदी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी सावरकर और गोलवलकर की नीति पर काम कर रहे हैं। उसी नीति पर काम करते हुए उन्होंने देश के मुसलमानों को सेकंड क्लास सिटीजन बना दिया है। ओवैसी ने मोदी सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स में स्वनिधि योजना को लेकर तीखा वार किया है।

ओवैसी ने आरोप लगाया कि स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाने वाले वेंडर्स को लोन दिया जाता है। RTI से पता चला है कि केंद्र सरकार की इस योजना के तहत 32 लाख लोन दिए गए, जिसमें से सिर्फ 331 लोन अल्पसंख्यक को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ों ने मोदी के ‘सबका साथ सबका विकास’ के झूठ की पोल खोल दी। ख्वांचा-फ़रोशों को दिए गए 32 लाख से अधिक क़र्ज़ों में से सिर्फ़ 331 ही अल्पसंख्यकों को मिले, यानी कि मात्र 0.0102%!

उन्होंने कहा कि एनएसओ के डेटा के मुताबिक मुसलमान शहरी क्षेत्रों में 50 फीसदी सेल्फ एम्प्लॉयमेंट सेक्टर में है और हिंदू भाई 33 फीसदी ही सेल्फ एंप्लॉयमेंट सेक्टर में है। अगर 50 फीसदी शहरी क्षेत्रों में मुसलमानों की सेल्फ एम्प्लॉयमेंट में हिस्सेदारी है तो केवल 331 को ही लोन क्यों दिया गया है?
AIMIM चीफ ने कहा कि बावजूद इसके कि असंगठित शेत्र में बड़ी संख्या में मुस्लिम अल्पसंख्यक काम करते हैं। मोदी, सावरकर-गोवलकर की पर काम कर रही है और मुसलमानों को दूसरे दर्जे का शहरी बना रहे हैं।

ओवैसी ने अखिलेश यादव और ओपी राजभर भी निशाना साधा। कहा कि दोनों मिलकर मुझे गाली देते हैं। अब आपस में लड़ रहे हैं। यह धोखेबाज लोग हैं। इन लोगों ने मिलकर उत्तर प्रदेश के मुसलमानों को धोखा दिया। उन्होंने कहा कि मैं कह रहा था कि ये लोग भारतीय जनता पार्टी को नहीं हरा पाएंगे। इन्होंने केवल मुसलमानों का वोट लेकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकी हैं।

मोदी सरकार की चीन नीति को लेकर ओवैसी ने मोदी को घेरा
बता दें अभी हाल ही में AIMIM चीफ असुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार की चीन नीति को लेकर ट्वीट कर कई सवाल किए थे। उन्होंने जोर देकर कहा है कि पीएम सो रहे हैं, वे इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि एक कहावत है कि जब कोई सो रहा होता है, तो हॉर्न का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। हमारे पीएम भी सो रहे हैं। वे कब ये बात मानेंगे कि हमें चीन से खतरा है। क्या उन्होंने लद्दाख में यथा स्थिति को मान लिया है?