गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के बीच मतभेदों को दूर करने के लिए होने वाले दौरे से पहले, केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा है कि उन्होंने भाजपा के कई व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ दिए हैं। उनके इस बयान के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
पश्चिम बंगाल भाजपा नेतृत्व इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है लेकिन सूत्रों ने बताया कि बनगांव सीट से सांसद शांतनु ठाकुर की मटुआ समुदाय के बीच पकड़ मजबूत मानी जाती है। वह राज्य और जिला समितियों में “मटुआ नेताओं के प्रतिनिधित्व की कमी” से नाराज हैं। पश्चिम बंगाल भाजपा के संगठन में हाल ही में फेरबदल हुआ था।
केंद्र में बंदरगाह, जहाज व जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने पार्टी के व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ने के फैसले पर किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ”मैं अभी व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ने पर टिप्पणी नहीं करूंगा। सही समय आने पर मैं इसके पीछे कारण और अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में भी बताऊंगा।”
हाल के दिनों में, भाजपा के नौ विधायक पार्टी द्वारा गठित नई राज्य समिति को लेकर अपना असंतोष जाहिर करते हुए पार्टी के व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ चुके हैं। 25 दिसंबर को पांच विधायकों – मुकुट मणि अधिकारी, सुब्रत ठाकुर, अंबिका रॉय, अशोक कीर्तनिया और असीम सरकार ने राज्य समिति से उनको बाहर किए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पार्टी के कई व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ दिए थे। इनमें से ज्यादातर मटुआ समुदाय से हैं।
इसके एक दिन बाद, बांकुरा जिले के चार विधायक अमरनाथ साखा, दिबाकर घोरमी, नीलाद्री शेखर दाना और निर्मल धारा ने भी पार्टी के व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ दिए थे। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा इनसे बात करने के बाद इनमें से कुछ विधायकों ने बाद में पार्टी के व्हाट्सएप ग्रुप में दोबारा शामिल हो गए थे। सूत्रों का कहना है कि कोलकाता निकाय चुनावों में पार्टी की हार के बाद राज्य समिति में बदलाव किया गया था। इसमें मटुआ समुदाय से जुड़े नेताओं की कमी है।