पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने मोदी सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि दिल्ली में कृषि कानून पास हुआ। अगर धारा 370 हमारे पास होती तो नए कृषि कानून जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होते। हमारे यहां वही कानून लागू होता जो हम चाहते। जो दिल्ली चाहती वह यहां लागू नहीं होता।
महबूबा ने कहा कि मोदी सरकार चुनाव जीतने वाली मशीन की तरह से काम कर रही है। पड़ोसी देश चाहे वह नेपाल, श्रीलंका हों या फिर चीन पाकिस्तान, सभी के साथ भारत के संबंध बुरे दौर से गुजर रहे हैं। यही वजह है कि सीमा पर 22 जवानों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। उनका कहना है कि पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारने की दिशा में यह सरकार बुरी तरह से नाकाम रही है।
Apart from Pak&China, our relations aren't good with Nepal,Bangladesh & Sri Lanka as well. When relations are bad with Pak, people on border suffer, when relations with China deteriorated our 22 soldiers lost their lives. This govt is election-winning machine: Mehbooba Mufti, PDP pic.twitter.com/PRJofaG5Hx
— ANI (@ANI) January 31, 2021
दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर भड़की हिंसा से संबंधित सवाल पर मुफ्ती ने कहा, उनका मानना है कि सरकार को इन कानूनों को वापस लेना चाहिए। उन्हें लगता है कि किसानों को बदनाम करने के लिए साजिश रची गई है। उन्होंने कहा, गणतंत्र दिवस संविधान के उत्सव का दिन है। इस दिन इस तरह की कोई गतिविधि नहीं होनी चाहिए थी। मुफ्ती ने दावा किया कि गणतंत्र दिवस पर हिसंक घटनाओं में शामिल लोग बीजेपी के आदमी थे।
उनका कहना था कि जब आप कानून बनाते हैं और जब ये कानून संविधान की बुनियाद के खिलाफ होते हैं तो इस तरह की स्थितियां बनने लग जाती हैं। सरकार ने कानून बनाने से पहले किसानों से कभी सलाह-मशविरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि किसानों को डर लग रहा है। उन्होंने किसान समुदाय में डर को खत्म करने के लिए इस कानून को वापस लेने की मांग की।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में धारा-370 हटाने के बाद वहां का राजनीतिक परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया है। कभी बीजेपी के साथ रही महबूबा ने पिछले साल नवंबर दिसंबर में हुए जिला विकास परिषद के चुनाव में अपने धुर विरोधी फारुख अबदुल्ला से हाथ मिला लिया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी समेत अलग अलग पार्टियों के गुपकर गठबंधन ने इस चुनाव में जीत दर्ज की थी। इससे पहले वह लंबे समय तक नजरबंद रही थीं।