नरेंद्र मोदी सरकार की लाई सेना भर्ती से जुड़ी अग्निपथ योजना को लेकर जिन राज्यों में विरोध की आंच और आग तेज दिखी, वहां के 60 फीसदी नौजवान सेना भर्ती में कामयाब रहे हैं। यह बात भारतीय सैन्य बलों में साल 2018-19 और 2019-20 के भर्ती से जुड़े आंकड़ों से पता चलती है।
अग्निपथ से जुड़े प्रदर्शन प्रभावित 11 सूबों + एक यूटी (बिहार, हरियाणा, दिल्ली, तेलंगाना, जम्मू और कश्मीर, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, यूपी, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और असम) की बात करें तो बड़ी और घनी आबादी वाले उत्तर प्रदेश से सर्वाधिक फौजी बने।
संसद में इस साल केंद्रीय रक्षा मंत्रालय की ओर साझा किए गए डेटा के मुताबिक, 2018-19 में कुल 53,431 भर्तियां हुई थीं और 2019-20 में 80,572 लोग रखे गए। टेबल की मदद से समझिए कि कहां से किस साल में कितने फौजी बने:
राज्य का नाम | 2018-19 | 2019-20 |
बिहार | 2199 | 4559 |
हरियाणा | 3210 | 5097 |
दिल्ली | 167 | 337 |
तेलंगाना | 693 | 1445 |
जम्मू और कश्मीर | 3672 | 3796 |
मध्य प्रदेश | 1570 | 3103 |
राजस्थान | 4172 | 6887 |
असम | 631 | 1152 |
झारखंड | 663 | 985 |
यूपी | 6322 | 8425 |
उत्तराखंड | 3222 | 4366 |
पश्चिम बंगाल | 1471 | 3166 |
दरअसल, मौजूदा समय में जिन सूबों और केंद्र शासित प्रदेशों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, उनमें यूपी, हरियाणा, बिहार और राजस्थान ऐसे राज्य हैं जहां से सेना में अधिक संख्या में युवाओं की भर्ती होती है। फिलहाल इन सारे सूबों में प्रदर्शन की आग सर्वाधिक बिहार में भड़कती दिखी है। वहीं सबसे अधिक हिंसा, तोड़फोड़, आगजनी और उपद्रव देखने को मिला।
बता दें कि मोदी सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन करते हुए तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की मंगलवार को घोषणा की थी। इसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी। योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा।