अफगानिस्तान संकट को लेकर योगगुरु रामदेव ने कहा है कि भारत को इस मामले को संजीदगी के साथ देखने की जरूरत है। जो भारतीय वहां फंसे हैं, उनकी मदद की जरूरत है। पतंजलि आयुर्वेद के बाबा रामदेव की कही इस बात पर कई लोगों ने उन्हें ट्रोल करने और मजे लेने की कोशिश की। सोशल मीडिया यूजर्स इसके अलावा योगगुरु को उनका एक पुराना बयान दिलाने लगे, जो कि पेट्रोल के दाम से जुड़ा था।

दरअसल, गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान वह बोले- अफगानिस्तान में जो भी भारतीय फंसे हैं, उन्हें सरकार निकालने के लिए तत्परता से काम कर रही है। इस पर और ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि तालिबान की चरित्र एका-एक बदलने वाला नहीं है। आज तक का उनका ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, उससे उनकी भय की राजनीति है और जैसे लोगों को जिस तरह उन्होंने कष्ट दिया, क्रूरता की, वह जगजाहिर है।

उनके अनुसार, भारत को बेहद संजीदगी के साथ अफगानिस्तान मामले से निपटने की जरूरत है और अपने लोग जो वहां फंसे हैं, उनकी मदद करने की जरूरत है। यह सच है कि अब अफगानिस्तान की पूरी सत्ता तालिबान के हाथ में है। पर अगर तालिबान को पूरी दुनिया का साथ चाहिए, तो उन्हें भी हिंसा का रास्ता छोड़कर एक जिम्मेदार सरकार और इंसान की तरह सलूक करना चाहिए।

बकौल योगगुरु, “कह तो रहा है कि तालिबान की वह अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ नहीं होने देगा। पर वह जिस पृष्ठभूमि से आता है, ऐसे में उनकी बातों पर यकीन करना बड़ा मुश्किल है। अगर वह आतंक का एक अड्डा बन जाता है, तब यह भारत के साथ अन्य शांतिप्रिय देशों के लिए बहुत ही खतरनाक होगा।”

रामदेव के बयान पर @HARIANCHRA नाम के टि्वटर हैंडल से तंज कसा, “मैं तो बोलता हूं, बाबा जी को तालिबान भेज दो…10-15 दिन के लिए तालिबानियों को योगा सिखाएंगे, काला धन दिलाएंगे और पतंजलि का आटा खिलाएंगे तो तालिबानी सुधर जाएंगे और बाबा अफगानिस्तान को बचा पाएंगे।”

@kamalkumarlbf ने योगगुरु को टैग करते हुए पूछा, “वो 40 रुपए वाले पेट्रोल-डीजल का क्या हुआ?” @AvdheshTondak ने लिखा- स्वामी जी, आप भी “उत्तम कोटि” का हास-परिहास कर लेते हैं।