राजस्थान में मानसून आने के साथ ही गर्मी से राहत मिली है। हालांकि, इस बीच कई जिलों में भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। आलम यह है कि अकेले मंगलवार को ही राज्य में वर्षाजनिक हादसों में 9 जानें चली गईं। इनमें टोंक ओर सवाईमाधोपुर जिलों में बारिश के कारण हुए दो हादसों में तीन बच्चों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति लापता हो गया जिसकी तलाशी जारी है।

पुलिस ने बताया कि मंगलवार तड़के राजस्थान के टोंक जिले में एक महिला का शव लेकर जा रही एंबुलेंस पानी के तेज बहाव में बह गई। एंबुलेंस में सवार महिला के 12 वर्षीय बेटे की इस दौरान पानी में डूबने से मौत हो गई, जबकि उसके पति की तलाशी की जा रही है। बताया गया है कि एंबुलेंस के चालक और खलासी की किसी तरह जान बच गई।

टोंक जिले के बरौनी थानाधिकारी दातार सिंह ने बताया कि जयपुर से गीता देवी (42) का शव लेकर टोंक जा रही एक एंबुलेंस सिरस गांव के पास पानी के तेज बहाव में बह गई। उन्होंने बताया कि हादसे में मृतका के पुत्र की मौत हो गई जबकि पति की तलाश की जा रही है। एंबुलेंस चालक और एक रिश्तेदार एंबुलेंस की खिड़की तोड़कर छत पर आ गये जिन्हें एसडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित निकाल लिया।

नाले के बहाव में फंसकर डूबी कार: दूसरी तरफ सवाईमाधोपुर जिले में इसी तरह एक अन्य घटना में एक कार पानी के तेज बहाव में बह गई, जिससे कार में सवार दो बच्चों की डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि पप्पूलाल गुर्जर अपने तीन बेटों और एक रिश्तेदार के साथ कार में सवार होकर जा रहा था। जब उसने कार को ऊफनते बरसाती नाले के तेज पानी के बहाव से निकालने की कोशिश की तो कार बह गई। उन्होंने बताया कि कार में सवार पप्पूलाल के बड़े बेटे रामलीलाल और रिश्तेदार को बचा लिया गया जबकि उसके दो नाबालिग बच्चों मानसिंह (13) और रौनक (9) के शव मंगलवार को झाड़ियों में फंसे पाए गए।

राजस्थान में अभी राहत की उम्मीद नहीं: मौसम विभाग के मुताबिक, राजस्थान में आज भी कहीं-कहीं भारी से मध्यम बारिश हो सकती है। इसे लेकर लोगों को रेड अलर्ट जारी किया गया है और घर से न निकलने की सलाह दी गई है। कुछ अन्य शहरों में भी यलो अलर्ट जारी किया गया है।

पश्चिम बंगाल में 6 जिलों में बाढ़, 15 लोगों की मौत, कई बेघर: पश्चिम बंगाल के छह जिलों में मंगलवार को बाढ़ स्थिति विकराल हो गई। बाढ़ की वजह से राज्य में 15 लोगों की मौत हुई है और लाखों लोगों को बेघर या विस्थापित होना पड़ा है। वहीं दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) बांध द्वारा कथित तौर पर अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है।

अधिकारियों ने बताया कि गत कुछ दिनों से हो रही बारिश और डीवीसी के बांध से पानी छोड़ने से करीब तीन लाख लोग विस्थापित हुए हैं। वहीं, पूर्वी वर्द्धमान, पश्चिम वर्द्धमान, पश्चिमी मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा और दक्षिण 24 परगना के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए हैं। डीवीसी ने 31 जुलाई से मंगलवार शाम तक 5.43 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है। सोमवार तक बाढ़ के कारण सात लोगों की मौत हुई थी जबकि ढ़ाई लाख प्रभावित हुए थे।

मध्य प्रदेश में भारी बारिश से 1171 गांव प्रभावित: इस बीच मध्य प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ से ग्वालियर-चंबल संभाग के शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर एवं भिंड जिलों के अलावा रीवा जिले में लगभग 1171 गांव प्रभावित हुए हैं, जिनमें से कुल 200 गांव बाढ़ के पानी से अब भी घिरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमों ने बाढ़ में फंसे करीब 1600 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है।

चौहान ने कहा कि सेना बुला ली गई है तथा वायुसेना के पांच हेलीकॉप्टरों ने ग्वालियर से आज सुबह उड़ान भरी थी, लेकिन खराब मौसम होने के कारण बचाव के लिए उतर नहीं सके। उधर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दतिया शहर के निकट स्थित रतनगढ़ मंदिर के पास सिंध नदी पर बने पुल का एक बड़ा हिस्सा भारी बारिश के कारण बह गया ।