लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के वायनाड दौरे के कुछ दिनों बाद पार्टी के जिला अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के अध्यक्ष सनी जोसेफ ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि वायनाड जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) के अध्यक्ष एन डी अप्पाचन ने स्वेच्छा से अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बताया कि आगे की कार्रवाई के लिए पत्र अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) को सौंप दिया गया है। वायनाड का प्रतिनिधित्व लोकसभा में प्रियंका गांधी करती हैं।
पूर्व विधायक अप्पाचन ने संकेत दिया कि यह अलगाव सौहार्दपूर्ण नहीं था। उन्होंने कहा, “केपीसीसी अध्यक्ष सब कुछ जानते हैं। मुझे कुछ नहीं कहना है। उन्हें बोलने दीजिए। मैंने इस्तीफा देने की इच्छा जताई थी।” पार्टी सूत्रों ने बताया कि केरल में केपीसीसी और डीसीसी में फेरबदल कुछ समय से लंबित था क्योंकि नेता सूची पर आम सहमति नहीं बना पा रहे थे। बताया जा रहा है कि वायनाड डीसीसी अध्यक्ष को उन विवादों के कारण बिना किसी औपचारिकता के बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है जो प्रियंका के वायनाड के एक हफ्ते लंबे दौरे के साथ हुए थे जिसके बाद राहुल और सोनिया भी उनके साथ शामिल हुए थे।
प्रियंका गांधी का वायनाड दौरा
प्रियंका गांधी का वायनाड दौरा एक स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता की आत्महत्या और एक पूर्व ज़िला नेता की बहू की आत्महत्या की कोशिश की घटनाओं के कारण विवादित हो गया था। पार्टी के ज़िला नेतृत्व को उनके दैनिक कार्यक्रमों की जानकारी न होने के कारण, इस दौरे में हमेशा की तरह की धूमधाम और भीड़ भी नहीं दिखी। अप्पाचन ने इस बात पर नाराज़गी जताई थी कि प्रियंका के दौरे के बारे में डीसीसी को जानकारी नहीं दी गई और जिसे कथित तौर पर उनके कर्मचारियों ने ही यह तय किया था।
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प्रियंका के दौरे के एक दिन बाद, 12 सितंबर को, पूर्व डीसीसी कोषाध्यक्ष एन एम विजयन की बहू पद्मजा ने आत्महत्या का प्रयास किया। विजयन और उनके बेटे जिजेश ने पिछले साल 2019 में पार्टी द्वारा नियंत्रित एक सहकारी बैंक में कथित तौर पर नौकरी के बदले पैसे घोटाले के सिलसिले में आत्महत्या कर ली थी। पद्मजा ने अपने परिवार को वित्तीय सहायता प्रदान करने में विफल रहने के लिए कांग्रेस की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने के बाद आत्महत्या का प्रयास किया।
वायनाड में कांग्रेस के स्थानीय नेता ने की आत्महत्या
11 सितंबर को, जब प्रियंका वायनाड पहुंची तो स्थानीय पार्टी नेता और मुल्लांकोली ग्राम पंचायत सदस्य 57 वर्षीय जोस नेल्लादम ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। उनकी मृत्यु एक अन्य स्थानीय कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी और उसके बाद रिहाई के कुछ ही दिनों बाद हुई जिसने पार्टी की वायनाड इकाई में गुटबाजी का मुद्दा उजागर कर दिया।
57 वर्षीय के थंकाचन को कथित तौर पर विस्फोटक और अवैध शराब की एक खेप जब्त होने के बाद गिरफ्तार किया गया और 17 दिनों तक न्यायिक हिरासत में रखा गया। हालाँकि, पुलिस द्वारा यह पता चलने के बाद कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है, उन्हें राहत मिल गई। जेल से बाहर आते ही, थंकाचन ने आरोप लगाया कि अप्पाचन और नेल्लेदम समेत अन्य लोग उन्हें इस मामले में झूठे तरीके से फंसाने के पीछे थे। संयोग से, अप्पाचन और सुल्तान बाथरी (वायनाड) से पार्टी विधायक को पिछले दिसंबर में पूर्व कोषाध्यक्ष विजयन की आत्महत्या के मामले में आरोपी बनाया गया है।