अफगानिस्तान संकट के बीच अमेरिका के एडवांस नोटिस को लेकर BJP सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगाह किया है। उन्होंने कहा है कि मोदी को इस बात पर ध्यान देना चाहिए।

सोमवार (16 अगस्त, 2021) को एक ट्वीट के जरिए उन्होंने यह बात कही। अफगानिस्तान पर यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के संयुक्त बयान को साझा करते हुए लिखा, “अमेरिका का कई सारे देशों को एडवांस नोटिस है। पर यह भारत को नहीं दिया गया। मोदी को इस बात पर ध्यान देना चाहिए। उनके द्वारा अमेरिकियों को बिना किसी लेन-देन के मक्खन लगाना भारत के लिए विनाशकारी है।”

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बीजेपी सांसद ने इससे एक घंटा पहले एक अन्य ट्वीट में लिखा, “किसी भी सफल नीति को उद्देश्यों, प्राथमिकताओं, रणनीति और आवश्यक संसाधनों के स्पष्ट विवरण पर बनाया जाएगा। लेकिन मोदी सरकार की नीतियां इस तरह से नहीं बनती हैं। इस प्रकार असंरचित आर्थिक और विदेश नीतियां विफल हो गई हैं, जैसे यूपीए ने हमें संकट में डाल दिया था।”

दरअसल, अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी के युद्धग्रस्त मुल्क छोड़ कर चले जाने से करीब दो दशक बाद तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर फिर से कब्जा करने का मंच तैयार हो गया। (अमेरिका में हुए) 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमलों के बाद अमेरिका नीत सैन्य बलों ने तालिबान को अफगानिस्तान की सत्ता से अपदस्थ कर दिया था। इस बीच, तालिबान के रविवार सुबह राजधानी काबुल में प्रवेश करने की खबरों के बाद वहां लोगों में डर पैदा हो गया।

हालात पर नजर रख रहे लोगों ने कहा कि भारत काबुल में भारतीय दूतावास के अपने कर्मियों और भारतीय नागरिकों की जान जोखिम में नहीं डालेगी और जरूरत पड़ने पर आपात स्थिति में उन्हें वहां से निकालने के लिए योजनाएं बना ली गयी हैं। उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘सरकार अफगानिस्तान में तेजी से बदल रहे घटनाक्रमों पर करीबी नजर रख रही है। हम काबुल में भारतीय दूतावास में अपने कर्मचारियों की जान खतरे में नहीं डालेंगे।’’

हालांकि, अफगानिस्तान में तेजी से हो रहे घटनाक्रम पर भारत की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है। वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने तालिबान के हमले और काबुल के पतन की संभावना को ”दिल दहला देने वाली घटना” बताया।

क्या चाहता है तालिबान?: तालिबान के एक प्रवक्ता एवं वार्ताकार ने रविवार को कहा कि चरमपंथी संगठन अफगानिस्तान में ‘‘खुली, समावेशी इस्लामी सरकार” बनाने के मकसद से वार्ता कर रहा है। सुहैल शाहीन ने तालिबान के कुछ ही दिनों में देश के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लेने और राजधानी काबुल में घुस जाने के बाद यह बात कही है जहां अमेरिका अपने राजनयिकों एवं अन्य असैन्य नागरिकों को वापस बुलाने की जद्दोजहद में जुटा हुआ है। इससे पहले, तालिबान के एक अधिकारी ने कहा था कि संगठन राष्ट्रपति भवन से एक नयी सरकार की घोषणा करेगा लेकिन वह योजना फिलहाल टलती दिख रही है।