राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कुछ विश्वविद्यालयों में उठे विवादों के बीच मंगलवार को उच्च शैक्षिक संस्थानों से कहा कि वे देशभक्ति के सभ्यतागत मूल्यों, दया, ईमानदारी, सहिष्णुता और महिलाओं के लिए सम्मान सिखाने पर जोर दें। मुखर्जी यहां एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे जिसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और तेजपुर विश्वविद्यालय को क्रमश: ‘अनुसंधान’ और नवाचार में उत्कृष्टता और ‘सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय’ होने के लिए सम्मानित किया गया।
मुखर्जी ने कहा, ‘एक शीर्ष उच्च शैक्षिक संस्थान होने के लिए कुछ मूलभूत पूर्वशर्तों का पालन करना जरूरी है। मेरे अनुसार उनमें से सबसे अहम शिक्षा और अनुसंधान की गुणवत्ता तय करना, फैकल्टी मानक बढ़ाना और अंतरराष्ट्रीय व घरेलू संगठनों के साथ सहयोग व संबंध स्थापित करना शामिल है’। उन्होंने कहा, ‘शैक्षिक उत्कृष्टता पर जोर देने के साथ ही देशभक्ति के सभ्यतागत मूल्य, दया, ईमानदारी, सहिष्णुता और महिलाओं के लिए सम्मान सिखाने पर पूरे समय जोर होना चाहिए’।
राष्ट्रपति ने अनुसंधान के साथ ही नवाचार के लिए विजिटर्स अवार्ड क्रमश: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राकेश भटनागर और इसी विश्वविद्यालय के मॉलीकुलर पैरासिटोलॉजी ग्रुप को प्रदान किए। असम के तेजपुर विश्वविद्यालय को सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय के लिए वार्षिक विजिटर्स अवार्ड दिया गया। राष्ट्रपति केंद्रीय विश्वविद्यालय के विजिटर हैं।
मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘इन पुरस्कारों से केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं उनके शैक्षिक समुदाय को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होना चाहिए। आप सभी को ज्ञान एवं शिक्षा का मंदिर बनाने के लिए काम करना चाहिए’। मुखर्जी ने कहा कि शोध और नवाचार में जेएनयू के वैज्ञानिकों को पुरस्कार दिया जाना इस बात का संकेतक है कि इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में नवाचार, शोध और सहयोग की वृत्तियां कितनी गहरी हैं। एक अन्य प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय एजंसी द्वारा की गई छोटे विश्वविद्यालयों की रंैकिंग में आइआइटी गुवाहाटी 12वें स्थान पर रहा। राष्ट्रपति ने कहा कि यह एक अद्वितीय उपलब्धि है। हाल के सालों में स्थापित संस्थानों सहित सभी संस्थानों को इससे प्रेरित होना चाहिए।