Rahul Gandhi In Lok Sabha: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गौतम अडानी के खिलाफ कार्रवाई न करने पर मोदी सरकार की आलोचना की है। अडानी के खिलाफ अमेरिकी अधिकारियों ने रिश्वतखोरी के आरोप लगाए हैं।

राहुल गांधी ने बुधवार को संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि आपको क्या लगता है कि अडानी आरोपों को स्वीकार करेंगे? जाहिर है कि वे आरोपों से इनकार देंगे।

कांग्रेस नेता ने कहा कि मुद्दा यह है कि उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। सैकड़ों लोगों को छोटे-छोटे आरोपों में गिरफ्तार किया जा रहा है और सज्जन (गौतम अडानी) पर अमेरिका में हजारों करोड़ रुपये का आरोप है, उन्हें जेल में होना चाहिए। सरकार उन्हें बचा रही है।

अडानी समूह की ओर से बुधवार को जारी बयान में दावा किया गया गया कि अमेरिकी भ्रष्टाचार प्रैक्टिस एक्ट (FCPA) के तहत आरोप लगाए जाने की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। और गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी , विनीत जैन पर यूएस डीओजे (US DOJ) के अभियोग या यूएस एसईसी (US SEC) की सिविल शिकायत में निर्धारित मुकदमों में FCA के किसी भी उल्लंघन का आरोप नहीं है।

इससे पहले सोमवार अडानी समूह ने रिश्वतखोरी के आरोपों को आधारहीन बताया था। अब AGEL की तरफ से स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में बुधवार को यह जानकारी दी गई थी। इसमें कहा गया था कि गौतम अडानी, सागर अडानी या विनीत जैन पर कोई आरोप नहीं है। बल्कि अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट के अभियोग में केवल Azure और CDPQ अधिकारियों पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया गया है। और अडानी ग्रुप के अधिकारियों के खिलाफ घूसखोरी व भ्रष्टाचार के आरोपों पर मीडिया हाउसेज द्वारा चलाई जा रही खबर ‘गलत’ है।

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पिछले करीब तीन दिन से गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और सीनियर डायरेक्टर विनीत जैन पर अमेरिकी भ्रष्टाचार प्रैक्टिस एक्ट के तहत घूसखोरी और भ्रष्टाचार के आररोप लगे थे, जिन्हें कंपनी ने पूरी तरह खारिज कर दिया है।

बता दें, न्यूयॉर्क की एक फेडरल कोर्ट में सुनाई के दौरान अमेरिकी अभियोजकों ने गौतम अडानी की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी पर यूएस में एक सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारीय अधिकारियों पर 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। इसके अलावा यूएस में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के आरोप भी हैं। इन आरोपों में कहा गया है कि 2020 से 2024 के बीच अडानी ग्रीन और Azure Power Global को ये सोलर प्रोजेक्ट दिलाने के लिए गलत तरीके से यूएस में भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी गई।

यह भी आरोप हैं कि रिश्वत वाबी बात अमेरिकी कंपनी यानी Azure Power Global से छिपा कर रखी गई। इस कॉन्ट्रैक्ट के जरिए कंपनी को 20 साल में दो अरब डॉलर से ज्यादा का मुनाफा होने का अनुमान था और इसका फायदा लेने के लिए झूठे दावे करके लोन और बॉन्ड्स जुटाए गए। हलांकि, आरोपों के तुरंत बाद अडानी समूह ने इन सभी आरोपों को झूठा और निराधार बताया था।

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