कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर छिड़े विवाद के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब इस मामले में बड़ा कदम उठाया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने अडानी ग्रुप से ताजपुर पोर्ट को विकसित करने का 25 हजार करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट छीन लिया है। ममता बनर्जी की ओर से साफ कहा गया था कि इसे लेकर जल्द नया टेंडर जारी किया जाएगा। ममता सरकार में मंत्री शशि पांजा ने रविवार को कहा कि पोर्ट परियोजना को लेकर राज्य सरकार और अडानी ग्रुप के बीच बातचीत जारी है।
शशि पांजा ने कहा कि परियोजना पर बहुत काम चल रहा है और अडानी ग्रुप के साथ बातचीत चल रही है। जब उनसे पूछा गया कि अडानी ग्रुप से बातचीत में कोई रुकावट आई है। इससे पर उन्होंने कहा, ऐसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि पोर्ट के निर्माण के लिए केंद्र से अनुमति मांगी गई है और केंद्र सरकार ने कुछ स्पष्टीकरण मांगे हैं। पांजा ने कहा कि ताजपुर के विकास के लिए अस्थायी LoI था, यह सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को दिया गया। इसकी गृह मंत्रालय से सशर्त सुरक्षा मंजूरी दी गई है।
अडानी ग्रुप को मिला था ताजपुर पोर्ट विकसित करने का काम
पिछले साल आयोजित किए गए बिजनेस समिट में ताजपुर पोर्ट को विकसित करने का काम अडानी ग्रुप को दिया गया था। इसके कुछ समय बाद ममता सरकार ने ताजपुर बंदरगाह विकसित करने के लिए अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लिमिटेड को आशय पत्र (LOI) जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इससे अडानी ग्रुप को बंगाल में 25 हजार करोड़ के निवेश का रास्ता साफ हो गया था।
इसके उलट हाल ही में पश्चिम बंगाल में ममता सरकार द्वारा बुलाई गयी बिजनेस समिट 2023 में ममता बनर्जी ने कहा था कि ताजपुर पोर्ट के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। कोई भी कंपनी नीलामी में शामिल हो सकती है और बोली लगा सकती है। पर अब पश्चिम बंगाल की बहुचर्चित ताजपुर पोर्ट परियोजना को लेकर तमाम तरह की अटकलें जारी हैं।
उस समय कहा जा रहा है कि ममता सरकार ने अडानी पोर्ट को सौंपे गए आशय पत्र (LoI) को रद्द करने का फैसला किया है। वहीं, इस साल बंगाल सरकार के बिजनेस इवेंट में अडानी ग्रुप से किसी ने हिस्सा नहीं लिया था।