उत्तर प्रदेश के कानपुर में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के दौरे के बीच हिंसा भड़क गयी थी। शहर में शुक्रवार (3 जून 2022) को अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों की पुलिस से झड़प के बाद यतीमखाना के पास बेकनगंज इलाके में हिंसा भड़क गई थी। इस मुद्दे पर एक टीवी डिबेट के दौरान जामिया की प्रोफेसर ने सवाल उठाया कि DU के प्रोफेसर रतन लाल पर एक्शन लिया गया मगर BJP की नुपुर शर्मा पर नहीं?

डिबेट के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जुनैद हारिस ने कहा कि हुकूमत को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल पर तो कार्यवाई होती है मगर भारतीय जनता पार्टी की नेता की नुपुर शर्मा पर नहीं। प्रोफेसर ने कहा, “उनकी पूरी अप्रोच ही ऐसी है। हुकूमत किसी एक धर्म विशेष के खिलाफ कुछ बोलने वालों पर कार्यवाई क्यों नहीं करती है?”

नुपुर शर्मा पर एक्शन क्यों नहीं: प्रोफेसर जुनैद हारिस ने आगे कहा, “जो भी दंगाई हैं उन्हें सजा मिलनी चाहिए, लेकिन उसकी जड़ों को पानी देने वालों, उसे बढ़ावा देने वालों को हम कैसे माफ कर सकते हैं?” उन्होंने कहा कि रत्न लाल के खिलाफ कार्यवाई से हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन नुपुर शर्मा के खिलाफ क्यों नहीं एक्शन लिया गया? उसके खिलाफ ही तो लोग कानपुर में इकट्ठा हो रहे थे।

दंगाइयों को सजा मिलनी चाहिए: इस दौरान एंकर ने सवाल उठाया कि जब पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद था तो लोग ठेलों में भर-भरकर पत्थर लेकर कैसे पहुंचे? जिसके जवाब में प्रोफेसर जुनैद हारिस ने कहा कि जो भी समाज के अमन-चैन को नुकसान पहुंचाए उसके खिलाफ कार्यवाई होनी चाहिए। चाहे वो बाबरी मस्जिद को तोड़ने वाले हों, दंगाई हों, चाहे हिंदू हो या मुसलमान हों।

वहीं, दूसरी ओर बीजेपी ने नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। कानपुर में हुई हिंसा के बाद बीजेपी ने रविवार को कहा कि वो सभी धर्मों का सम्मान करती है। बीजेपी प्रवक्ता नूपूर शर्मा की विवादास्पद टिप्पणियों पर चल रहे विवाद को शांत करने की कोशिश करते हुए, भाजपा ने कहा कि वो किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व के अपमान की कड़ी निंदा करती है। दरअसल, नुपुर शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी की है।