बिहार के अररिया जिले में एक व्यक्ति को स्थानीय अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। आरोपी व्यक्ति पर एक 12 साल की लड़की का रेप करने के बाद हत्या का आरोप था। स्थानीय अदालत ने आरोपी को मौत की सजा सुनाई गई थी। स्निफर डॉग की मदद से आरोपी की पहचान पुलिस ने की थी। लेकिन अब पटना हाई कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया है।

कोर्ट ने किया बरी

न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार और न्यायमूर्ति आलोक कुमार पांडे की खंडपीठ ने शुक्रवार को अमर कुमार को बरी कर दिया। अगस्त 2019 में 12 वर्षीय लड़की के बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया था। अक्टूबर 2021 में आरोपी को मौत की सजा सुनाई गई थी। कोर्ट ने आरोपी को बरी करते हुए कहा, “कुत्ते द्वारा अपराध स्थल या आरोपी की पहचान तब तक निर्णायक नहीं हो सकती जब तक कि कुत्ते की पहचान के पैटर्न की सत्यता स्थापित न हो और ठीक से अध्ययन न किया जाए।”

5 अगस्त 2019 को पुलिस को एक लापता लड़की का शव मिला, जिसके बाद उन्होंने एक खोजी कुत्ते की मदद ली, जो उन्हें आरोपी अमर के घर तक ले गया था। पुलिस ने अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन करने के लिए खोजी कुत्ते की पहचान का इस्तेमाल किया और स्थानीय अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई। बाद में अमर ने याचिका दाखिल कर फैसले को चुनौती दी।

जानिए कोर्ट ने क्या कहा

हाई कोर्ट ने उसे यह कहते हुए बरी कर दिया, “सिर्फ एक खोजी कुत्ते की पहचान सबूत नहीं हो सकती जब तक कि अदालत कुत्ते के कौशल और सत्यता और उसकी पहचान के पैटर्न की पुष्टि नहीं करती। इसके संचालक की क्षमता का भी परीक्षण करने की जरूरत है।” आगे अदालत ने कहा कि उसने पुलिस से खोजी कुत्तों की मदद लेना नहीं बंद करने के लिए कहा है, लेकिन इसे सबूत के तौर पर पेश करने के लिए अन्य पहलुओं पर गौर करने की जरूरत है।

सिर्फ शादी से वादे पर समझदार महिला 2 साल तक नहीं घूमेगी

करीब एक महीने पहले आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने शादी का झूठा दिलासा देकर बलात्कार के मामले में एक बड़ी टिप्पणी की थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि एक समझदार महिला यह जानते हुए कि शादी की संभावनाएं बहुत कम हैं, इस वादे पर किसी पुरुष के साथ नहीं घूमेगी कि वह शादी करेगा। हाईकोर्ट ने कहा था कि शादी की संभावनाएं कम होने के बावजूद किसी पुरुष के इस वादे पर उसके साथ रहना कि वह शादी करने वाला है, किसी समझदार महिला की सोच नहीं हो सकती है। वह कभी उसके साथ ऐसे वादे की बिना पर नहीं घूम सकती है।