गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार जोरों पर है। असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम पार्टी भी इस बार राज्य में चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के नामों की भी घोषणा कर दी है।
बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और अन्य पार्टियों के अलावा एआईएमआईएम पार्टी की गुजरात में कितनी ताकत है। इसका पता लगाने के लिए एबीपी न्यूज के चुनावी सी वोटर सर्वे ने गुजरात के लोगों की राय ली, जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। सर्वे में लोगों से पूछा गया कि क्या गुजरात के मुस्लिम वोटर ओवैसी से प्रभावित हैं। इस सर्वे में ज्यादातर लोगों का मानना है कि एआईएमआईएम प्रमुख का राज्य के मुसलमानों में प्रभाव नहीं है। इस सवाल के जवाब में 31 प्रतिशत लोगों ने हां में जवाब देकर कहा कि ओवैसी का मुस्लिम वोटरों में प्रभाव है, जबकि 69 प्रतिशत लोगों का मानना है कि ओवैसी का गुजरात के मुस्लिम वोटरों में कोई प्रभाव नहीं है।
गुजरात चुनाव में कांग्रेस की रणनीति पर भी पूछा सवाल
वहीं, गुजरात चुनाव में कांग्रेस की रणनीति को लेकर भी सवाल किया गया। सर्वे में लोगों से सवाल किया गया- गुजरात चुनाव में कांग्रेस की रणनीति कैसी है? इसका पहला विकल्प था- कांग्रेस लड़ाई में है, दूसरा- कांग्रेस लड़ाई से बाहर है, तीसरा- कांग्रेस चुपचाप तैयारी कर रही है। सर्वे में पहले विकल्प के लिए 36 प्रतिशत लोगों ने सहमति जताई है, दूसरे विकल्प के लिए 46 प्रतिशत लोग सहमत हुए, जबकि तीसरे विकल्प के लिए 18 प्रतिशत लोग सहमत हैं।
नए पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस की स्थिति बदली?
इसके अलावा, मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनने पर पार्टी की स्थिति में क्या बदलाव आया है? इस पर भी सवाल किया गया, जिसके जवाब में 42 प्रतिशत ने माना कि कांग्रेस की स्थिति पहले से बेहतर है, 33 प्रतिशत का कहना है कि स्थिति पहले से खराब है, जबकि 25 प्रतिशत मानते हैं कि कांग्रेस की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।
पीएम मोदी को लेकर पूछे गए ये सवाल
वहीं, बीजेपी को लेकर लोगों से सवाल किया गया- मोदी के हिंदू धर्मस्थलों के दर्शन से बीजेपी को फायदा होगा? इसका 54 प्रतिशत लोगों ने “हां” में जवाब दिया है, जबकि 46 प्रतिशत ने “नहीं” में जवाब दिया है। इसके अलावा, एक और सवाल किया गया कि क्या पीएम मोदी को टार्गेट करने से विपक्ष को उल्टा नुकसान होगा। 57 प्रतिशत लोगों ने माना कि हां विपक्ष को नुकसान होगा, जबकि 43 प्रतिशत ने कहा कि पीएम मोदी को टार्गेट करने से विपक्ष को उल्टा नुकसान नहीं होगा।