AAP Candidates Criminal Backgrounds Delhi Polls: साफ-सुथरी राजनीति का दावा करके सियासत के मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में से सबसे ज्यादा ऐसे नेताओं को उम्मीदवार बनाया है, जिन पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। आपराधिक बैकग्राउंड के उम्मीदवारों को टिकट देने के मामले में कांग्रेस दूसरे और बीजेपी तीसरे नंबर पर है। कुल मिलाकर तीनों राजनीतिक दलों के 93 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने बताया है कि उन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
यह जानकारी चुनाव से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से जारी एक रिपोर्ट से सामने आई है।
आम आदमी पार्टी के 70 उम्मीदवारों में से 44 ऐसे हैं जिन्होंने बताया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसमें से भी 29 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमे चल रहे हैं।
बताना होगा कि आम आदमी पार्टी और उसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल सहित पार्टी के तमाम नेता साफ-सुथरी राजनीति करने का दावा करते हैं और इसी दावे के साथ केजरीवाल और उनके साथियों ने साल 2012 में आम आदमी पार्टी बनाई थी लेकिन एडीआर ने जो जानकारी दी है, उससे निश्चित रूप से आम आदमी पार्टी के साथ-सुथरी राजनीति करने के दावों पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं।
कांग्रेस ने 29, बीजेपी ने 20 नेताओं को बनाया उम्मीदवार
अब बात करते हैं कांग्रेस की। कांग्रेस ने दिल्ली में 29 ऐसे नेताओं को उम्मीदवार बनाया है जिनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनमें से 13 ऐसे नेता चुनाव लड़ रहे हैं जिन पर गंभीर मामले दर्ज हैं। बीजेपी चुनाव में 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और 2 सीटें उसने सहयोगी दलों के लिए छोड़ी हैं। बीजेपी के 68 उम्मीदवारों में से 20 पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं और इनमें से 9 उम्मीदवारों पर गंभीर क्रिमिनल केस दर्ज हैं।
एडीआर ने यह जानकारी दिल्ली के विधानसभा चुनाव में अलग-अलग राजनीतिक दलों के द्वारा मैदान में उतारे गए कुल 699 उम्मीदवारों के दस्तावेजों का विश्लेषण करने के बाद सामने रखी है।
699 उम्मीदवारों में से 132 (19%) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं जबकि 2020 के विधानसभा चुनाव में कुल 672 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे और उनमें से 133 (20%) उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे थे।
अगर बात गंभीर आपराधिक मामलों की करें तो इस बार 81 (12%) उम्मीदवार ऐसे हैं जबकि 2020 के चुनाव में यह संख्या 104 (15%) थी। इस बार के विधानसभा चुनाव में 13 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ महिलाओं के विरुद्ध अपराध से संबंधित मामले पुलिस थानों में चल रहे हैं। इनमें से दो पर हत्या और पांच पर हत्या की कोशिश के मुकदमे दर्ज हैं।
याद दिलाना होगा कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी, 2020 को निर्देश दिए थे कि राजनीतिक दलों को यहां बताना होगा कि उन्होंने आपराधिक बैकग्राउंड वाले उम्मीदवारों को नेताओं को उम्मीदवार क्यों बनाया है।
2020 के विधानसभा चुनाव में जहां 16 उम्मीदवार ऐसे थे जो पढ़े-लिखे नहीं थे, वहीं इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 19 हो गया है। इसी तरह पिछले विधानसभा चुनाव में ग्रेजुएट उम्मीदवारों की संख्या 62 थी लेकिन इस बार यह 84 हो गई है।
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