दिल्ली सरकार में मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कपिल मिश्रा को अदालत से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली दंगों के मामले में कपिल मिश्रा और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। अब आम आदमी पार्टी ने कपिल मिश्रा का इस्तीफा मांगा है और पुलिस से गिरफ्तारी की मांग की है। बता दें कि कपिल मिश्रा के खिलाफ दिल्ली दंगों में उनकी कथित भूमिका की जांच के लिए FIR दर्ज करने का आदेश दिया गया है।

AAP ने मांगा इस्तीफा

कपिल मिश्रा पर आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, “सभी ने देखा कि कपिल मिश्रा ने दिल्ली में कैसे दंगे भड़काए। भाजपा द्वारा उन्हें बचाने के अनगिनत प्रयासों के बाद भी अदालत ने पाया कि कपिल मिश्रा दंगों के दौरान मौजूद थे और उन पर आगे की जांच की जानी चाहिए। क्या वह कैबिनेट मंत्री बनने के लायक हैं? पुलिस को उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार करना चाहिए क्योंकि दिल्ली दंगों के सभी अन्य आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। रेखा गुप्ता जी क्या ऐसे व्यक्ति को अपनी कैबिनेट में बनाए रखेंगी।”

वहीं आप विधायक जरनैल सिंह का कहना है कि अगर कोर्ट ने फैसला दे दिया है तो दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा को नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा को भी अपना रुख साफ करना चाहिए कि वह कब तक नफरत फैलाने वालों को बढ़ावा देगी।

रेखा सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा को लगा कोर्ट से बड़ा झटका, दिल्ली दंगों में भूमिका को लेकर होगी जांच

राउज एवेन्यू कोर्ट ने क्या कहा?

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली दंगों के मामले में कपिल मिश्रा और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। बता दें कि अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने कहा कि इस मामले की जांच की आवश्यकता है। कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट है कि कपिल मिश्रा कथित अपराध के समय इलाके में थे और आगे जांच की आवश्यकता है। दिल्ली के यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास ने याचिका दायर की थी और इसमें कपिल मिश्रा पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी।

हालांकि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने का विरोध किया और दावा किया कि दिल्ली दंगों में कपिल मिश्रा की कोई भूमिका नहीं थी। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने कपिल मिश्रा के खिलाफ 2020 में कथित तौर पर आपत्तिजनक बयान देने और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में अधीनस्थ अदालत की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।