दिल्ली की राजनीति में हाल ही में एक के बाद एक झटकों से जूझ रही आम आदमी पार्टी अब खुद को फिर से खड़ा करने की कवायद में जुट गई है। सत्ता से बाहर होने, लगातार हो रहे नेताओं के इस्तीफों और चुनावी हार के बाद पार्टी नेतृत्व अब युवाओं पर दांव लगाने की रणनीति पर काम कर रहा है। इसी दिशा में पार्टी ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाते हुए ‘ASAP’ (Association of Students for Alternative Politics) नाम से अपनी नई स्टूडेंट विंग लॉन्च की है।
केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी इस कोशिश में है कि छात्र राजनीति को एक नया आयाम दिया जाए और युवाओं की नई पीढ़ी को वैकल्पिक राजनीति की तरफ आकर्षित किया जाए। ASAP का उद्देश्य साफ है — जाति और धर्म से परे हटकर छात्रों को वास्तविक बदलाव की राजनीति से जोड़ना।
पतन के बाद पार्टी की नई सोच
दिल्ली विधानसभा चुनाव और नगर निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी को मिली करारी शिकस्त के बाद पार्टी की जमीन खिसकती नजर आई। खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई वरिष्ठ नेता चुनावी मैदान में पिछड़ गए। इतना ही नहीं, पार्टी के कई पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया और इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी का दामन थाम लिया। हाल ही में दिल्ली की पहली ट्रांसजेंडर पार्षद बॉबी किन्नर ने भी AAP छोड़ दी, जिससे पार्टी को प्रतीकात्मक रूप से भी बड़ा झटका लगा।
इन घटनाओं ने पार्टी को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया कि जमीनी स्तर पर जनाधार कैसे पुनः हासिल किया जाए। और इसका जवाब मिला – युवा शक्ति।
ASAP: नई पीढ़ी से नई उम्मीद
पार्टी का मानना है कि देशभर के छात्र अगर एकजुट हों और जाति-धर्म से ऊपर उठकर सोचें, तो राजनीति की दिशा बदल सकती है। ASAP के जरिए AAP चाहती है कि छात्र न केवल राजनीतिक रूप से जागरूक बनें, बल्कि *सामाजिक कार्यों, नेतृत्व और जनहित के मुद्दों में भी सक्रिय भूमिका निभाएं।
ASAP की सदस्य ईष्णा गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “देश के 8 करोड़ छात्र अगर सही दिशा में आवाज उठाएं, तो बदलाव संभव है। हम उन्हें सिर्फ सदस्य नहीं बनाना चाहते, हम उन्हें जनप्रतिनिधि की भूमिका में लाना चाहते हैं।”
ASAP से कैसे जुड़ सकते हैं छात्र?
छात्रों को ASAP से जोड़ने के लिए पार्टी ने एक नेशनल मेंबरशिप हेल्पलाइन नंबर 8588833485 लॉन्च किया है। इस पर मिस्ड कॉल देकर कोई भी छात्र सदस्य बन सकता है। इसके बाद ASAP की टीम उनसे संपर्क कर उन्हें संगठन से जोड़ने की प्रक्रिया आगे बढ़ाएगी। साथ ही, सोशल मीडिया पर भी ASAP की उपस्थिति मजबूत की जा रही है — @ASAP4Students नाम से सभी प्रमुख प्लेटफॉर्म्स पर मौजूदगी दर्ज की गई है।
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ASAP के सदस्य कमल तिवारी ने बताया कि स्टूडेंट विंग में कोई भी छात्र सक्रिय रूप से जुड़ सकता है, चाहे वह किसी भी राज्य या संस्थान से हो। ASAP का उद्देश्य सिर्फ कॉलेज कैंपस में मौजूद रहना नहीं है, बल्कि उसे सामाजिक आंदोलन का रूप देना है।
युवाओं के सहारे भविष्य की तैयारी
अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक यात्रा हमेशा शिक्षा और युवाओं को केंद्र में रखकर आगे बढ़ी है। अब जबकि पार्टी को संगठनात्मक और राजनीतिक झटकों का सामना करना पड़ रहा है, तो यह युवा केंद्रित रणनीति पार्टी को फिर से खड़ा करने की कोशिश में एक बड़ा हथियार बन सकती है। ASAP को राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय बनाकर पार्टी न केवल अपनी उपस्थिति बनाए रखने की कोशिश कर रही है, बल्कि नए चेहरों को सामने लाकर राजनीति में नवाचार लाने की तैयारी भी कर रही है।
आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले ASAP की यह पहल आम आदमी पार्टी के लिए राजनीतिक पुनर्जन्म का माध्यम बन सकती है। हालांकि इसकी सफलता का फैसला तो वक्त ही करेगा, लेकिन फिलहाल इतना तय है कि अरविंद केजरीवाल की टीम अब कॉलेज के गलियारों में जनाधार तलाशने निकल चुकी है।