आम आदमी पार्टी के नेता और लोकसभा सांसद भगवंत मान ने शुक्रवार (28 दिसंबर) को कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से इंकार किया। उन्होंने कहा कि मेरा निजी विचार यह था सेक्युलर पार्टियों को देश में होने वाले अगले लोकसभा चुनाव में एक साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा, “कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर किसी तरह की औपचारिक और अनौपचारिक बात नहीं हुई है। आप पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, गोवा और चंडीगढ़ में अपने बूते पर चुनाव लड़ने में सक्षम है। हम पंजाब में विपक्ष में हैं और कांग्रेस सत्ता में है। आपने कभी सुना है कि विपक्ष और सत्ता पक्ष एक साथ आए हैं? यदि कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे ताे आम आदमी को मुंह कैसे दिखाएंगे।”
वहीं, दूसरी ओर आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने शुक्रवार को बताया कि पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुयी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला किया गया कि अगले साल प्रस्तावित लोकसभा चुनाव में राजनीतिक हालात की समीक्षा करने के बाद ही विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल होगी। उन्होंने कहा, “चुनाव से पहले देश में उभरते राजनीतिक हालात पर नजर रखी जा रही है। आप परिस्थितियों के आधार पर ही महागठबंधन में शामिल होने का फैसला करेगी। आगामी लोकसभा चुनाव में केन्द्र में भाजपा की अगुवाई वाली मोदी सरकार की कार्यशैली को चुनावी मुद्दा बनाकर उन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी जिन पर भाजपा को हराने में सक्षम हो।
राय ने कहा ‘‘कार्यकारिणी की बैठक में सभी प्रांतों के प्रतिनिधि सदस्यों का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की कार्यशैली लोकतंत्र को खत्म कर देश को तानाशाही की ओर ले जा रही है और यह प्रवृत्ति खतरनाक है। इस प्रवृत्ति से देश को मुक्त कराने के लिये आप आगामी लोकसभा चुनाव को पूरी सामर्थ्य से लड़ेगी। इसके लिये आप उन राज्यों में उन सीटों पर पूरी ताकत से अपने उम्मीदवार उतारेगी, जहां वह भाजपा को हराने में सक्षम हो। इन्हीं सीटों पर पार्टी द्वारा पूरी ऊर्जा केन्द्रित की जायेगी।” विपक्षी दलों के प्रस्तवित महागठबंधन में आप के शामिल होने के सवाल पर राय ने कहा कि यह चुनाव के समय देश की राजनीतिक परिस्थितियों के मुताबिक फैसला किया जायेगा। (एजेंसी इनपुट के साथ)

