दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह के कार्यकाल का आखिरी दिन 18 जुलाई है। उनके स्थान पर आप सरकार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सलाहकार (जनता संवाद) स्वाती मालीवाल (30) को दिल्ली महिला आयोग का अध्यक्ष बनाना तय किया है।
दिल्ली के विधान में दिल्ली महिला आयोग और दिल्ली खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष पद को लाभ का पद न मानते हुए इन पदों पर विधायकों की नियुक्ति होती रही है। खादी आयोग के अध्यक्ष पद पर तो केजरीवाल सरकार ने अपने एक विधायक महेंद्र यादव को नियुक्त किया है लेकिन महिला आयोग को बरखा सिंह ने अपने प्रयासों से इतना हाई प्रोफाइल बना दिया कि सरकार ने छह महिला विधायकों में से किसी एक को उस पद पर लाना ठीक नहीं समझा। पहले इस पद पर वरिष्ठ साहित्कार मैत्रेयी पुष्पा का नाम चर्चा में आया था।
बरखा के मुताबिक अभी भी आप के छह विधायकों की पत्नियों की शिकायत आयोग में लंबित है। उन्हें पता था कि आगे आयोग में फैसले केवल राजनीतिक होंगे इसलिए उन्होंने सोमनाथ भारती और कुमार विश्वास के मामले दिल्ली पुलिस के पास भेज दिए। उनका कहना है कि केजरीवाल सरकार के पिछले कार्यकाल से ही उनपर हर तरह से हमले किए गए। कार्यकाल होते हुए भी हटाने की कोशिश हुई।
उन्होंने जान से मारने की धमकी का मुकदमा आइपी एस्टेट थाने में दर्ज करवाया है। इसी तरह अश्लील टिप्पणियों आदि के खिलाफ सफदरजंग थाने में मामला दर्ज करवाया। उनका कहना था कि बीच में आयोग की एक सदस्य जूही खान को आप में शामिल करवाकर उनको परेशान करने की कोशिश की गई। आयोग के पास केवल सिफारिश करने का अधिकार है। फिर भी उन्होंने पुलिस से सहयोग लेकर अनेक अभियान चलाए और दिल्ली महिला आयोग की उपयोगिता साबित की। 90 महिला पंचायत का नियमित आयोजन करके घरेलू झगड़े निबटाने की सार्थक कोशिश की।
बरखा का कहना है कि वह हर राज्य में महिला आयोग बनाना अनिवार्य करवाना चाहती हैं। दिल्ली में तो राष्ट्रीय महिला आयोग का मुख्यालय भी है बावजूद इसके बरखा सिंह का दावा है कि उन्होंने दिल्ली महिला आयोग की सार्थकता बनाए रखी। उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि आयोग में राजनीतिक नियुक्ति क्यों की जा रही है और इसका बजट बढ़ाकर 8 करोड़ क्यों कर दिया गया जबकि आयोग के तो सीमित अधिकार हैं। इस आयोग में शुरू से ही महिला विधायक को अध्यक्ष बनाने की परंपरा रही है।
स्वाती मालीवाल दिल्ली के बजाए हरियाणा की रहने वाली बताई जाती हैं क्योंकि उनके पति नवीन जयहिंद हरियाणा के नेता हैं। अलबत्ता वे केजरीवाल के साथ लंबे समय से काम करती रही हैं और उनकी पुरानी संस्था इंडिया अगेंस्ट करप्शन में भी रही हैं। फिलहाल वे मुख्यमंत्री की सलाहकार हैं। महिला आयोग में तो अध्यक्ष को वाहन और गिनती के भत्ते के अलावा कोई वेतन आदि नहीं मिलता है जबकि उन्हें सलाहकार के नाते हर महीने वेतन मिलते हैं।
मनोज मिश्र