दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर में सुधार के लिए निजी वाहनों पर लगाम लगाने की योजना पर बुलाई गई समीक्षा बैठक में फिलहाल आगे बढ़ने का फैसला किया है। इसके तहत सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में सुधार के लिए बसों की संख्या बढ़ाने और मेट्रो को मुस्तैद करने सहित कई उपाय करने का फैसला किया गया। राजधानी में कचरा जलाने पर रोक लगाने के साथ निर्माण के तहत कड़े नियमों का पालन कराने सहित अन्य कदम भी उठाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित बैठक में मंत्रिमंडल के अन्य सभी सदस्यों के अलावा दिल्ली मेट्रो रेल केअधिकारी, दिल्ली यातायात पुलिस और दिल्ली संवाद आयोग के अधिकारी शामिल थे। बैठक में सभी मंत्रियों के अपने विभाग के तहत आने वाली उन गतिविधियों की समीक्षा करके उसका समाधान सुझाने की रणनीति के तहत तय हुआ कि परिवहन मंत्रालय को वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कारें हटाने के एवज में बसों का इंतजाम बढ़ाने का जिम्मा सौंपा गया।

परिवहन मंत्री गोपाल राय ने बताया कि एक जनवरी से चार हजार सीएनजी बसें कोट्रैक्ट कैरिज परमिट के तहत चलाई जाएंगी। छह हजार डीटीसी व क्लस्टर सेवा की बसें चलाई जाएंगी। दो हजार स्कूल बसों को भी एक जनवरी से 15 दिनों में सड़कों पर लाया जाएगा। इन बसों मे 50 फीसद सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होगी ताकि कामकाजी महिलाओं को दफ्तर आने जाने में कोई मुश्किल न आए। बसों के लिए 25 दिसंबर से अलग लेन चिन्हित की जाएगी। इसके अलावा मेट्रो रेल निगम व्यस्ततम घंटों में सभी गाड़ियां चलाएगा। मेट्रो अधिकतम फेरे लगाएगी। आटो रिक्शा चालकों को दो पाली में आटो चलाने का परमिट दिया जाएगा। आटो के लिए पूछो एप शुरू किया जाएगा। इससे आटो बुक भी किया जा सकेगा।

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सभी जैविक कचरों को जलाने पर रोक है इसकी निगरानी के लिए भी उपाय किए जाएंगे। उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना भी किया जाएगा। निर्माण के दौरान उड़ने वाली धूल वगैरह कम करने के लिए भी जरूरी उपाय किए जाएंगे। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण इकाई इसके लिए निगरानी का काम करेगी। एसडीएम निगरानी के बाद की गई कार्रवाई की रपट सात दिन के भीतर देंगे। उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा उलंघन का ब्योरा अखबारों में प्रकाशित भी किया जाएगा। कचरा, पत्तियां,प्लास्टिक वरैगह जलाने पर भी रोक होगी। साथ ही व्यापक जागरूकता कार्यक्र म भी चलाया जाएगा।