हंगामेदार बैठक के दौरान सोमवार को आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद ने पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल का कार्यकाल तीन साल तक के लिए बढ़ा दिया है। आप नेताओं ने एक स्वर में पार्टी संयोजक के सेवा विस्तार का समर्थन किया जबकि आप के एक बड़े समूह ने जमकर प्रदर्शन व हंगामा किया। पार्टी ने पंजाब में चुनावों की तैयारियों की बात कही हैै। पार्टी ने दूसरे राज्यों में पार्टी के विस्तार व देश के ताजा हालात पर भी बात की। लालू के मसले पर घिरी पार्टी पहली बार लालू के खिलाफ बोली। वरिष्ठ वकील और आप के संस्थापक सदस्य शांति भूषण बैठक में नहीं आए। हालांकि पार्टी के संस्थापक सदस्य के तौर पर उनकी सदस्यता खत्म नही की गई।
आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की सालाना बैठक में पूर्व निर्धारित योजना के तहत आप के संयोजक सहित तमाम पदाधिकारियों के कार्यकाल को बढ़ा दिया गया। इन सभी का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा था। बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित किया गया। इस प्रस्ताव इस मौके पर केजरीवाल ने बैठक को संबेधित किया। उन्होंने माना कि पार्टी को दिल्ली में मिली जीत एक चमत्कार थी। इसकी उम्मीद नहीं थी।
उन्होंने कहा कि न तो हम सत्ता की राजनीति के लिए मैदान में उतरे हैं, न ही आगामी लोकसभा चुनाव ही हमारा लक्ष्य है। हम तो बस मेहनत व ईमानदारी से काम करना चाहते हैं। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना व स्वराज लाना चाह रहे हैं। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया और कहा कि हमने वह कर दिखाया जो राजनीति में आमतौर से राजनीतिक पार्टियां नहीं करतीं। भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर हमने खुद अपने मंत्री के खिलाफ आगे बढ़कर कार्रवाई की । कोई पार्टी, कितना भी भ्रष्ट मंत्री हो, उसे नहीं निकालती।
उन्होंने अपनी सरकार के कामकाज का ब्योरा पेश किया। कहा कि अभी भ्रष्टाचार से निबटना और जनलोकपाल स्वराज लाना है। पिछले 10 माह में हमने इतनी कठिन मेहनत की है कि मैं चुनौती दे सकता हूं कि जो काम शीला दीक्षित सरकार नहीं कर सकी वह हमने कर दिखाया है। यहां तक कि मोदी के पास सारा देश था, फि र भी वे इतना नहीं कर सके।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली विधानसभा के जारी शीतकालीन सत्र में जनलोकपाल विधेयक पारित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह पहले वाला विधेयक है जिसमें सिटिजन चार्टर और विजिलेंस नहीं है। हमने सतर्कता वाला पहलू लागू कर दिया है। सिटिजन चार्टर अब पेश किया जा रहा है। उन्होंने यह दावा भी किया कि पार्टी स्वराज के विचार को किसी कानून के माध्यम से नहीं बल्कि राजाज्ञा के तौर पर लागू करेगी। पार्टी की बैठक के बाद नेताओ ने बाहर निकल कर मीडिया को संबोधित किया।
संजय सिंह ने इस मौके पर लालू को आड़े हाथों लिया और कहा कि आरक्षण पर बात करने वाले नेता लालू ने सत्ता मे आते ही अपने बेटों को आरक्षण दे किया। जीटी करनाल रोड पर स्थित अलीपुर में परिषद की बैठक के दौरान स्वराज अभियान के समर्थक और आप के निलंबित व नाराज कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे। हाथ में पोस्टर-बैनर लेकर प्रदर्शन करते इन कार्यकर्ताओं ने केजरीवाल व पार्टी के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए।
नाराज कार्यकर्ता के हाथों में लिए गए पोस्टर में लिखा था-आप या खाप? प्रदर्शनकारियों ने आप नेता को तानाशाह करार दिया और कहा कि जो भी सही बात करे पार्टी में उसके लिए जगह नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनको बैठक में नहीं बुलाया गया। जबकि इनमें से कुछ ऐसे थे जो बैठक के बारे में अचानक नोटिस भेजे जाने पर शिकायत कर रहे थे। बैठक स्थल के बाहर उन्होंने जमकर हंगामा भी किया। इन कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पार्टी ने उन्हें बैठक के लिए नहीं बुलाया।
उन्हें बगैर सूचित किए तीन दिन पहले नोटिस जारी कर दिया गया।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि हमने अपने खून-पसीने से पार्टी को खड़ा किया और आज हमें ही बैठक में शामिल नहीं होने दिया जा रहा है। उन्होँने कहा कि पार्टी में मनमाने फैसले होते हैं। जैसे कि कार्यकारिणी के सदस्यों को केवल लोकपाल ही निलंबित कर सकता है, लेकिन यहां पर नियमों को ताक पर रख दिया गया है। कितने ही कार्यकर्ता बैठक के दो तीन दिन पहले ही निलंबित कर दिए गए।