आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक सभा आयोजित की, जिसे उन्होंने ‘जनता की अदालत’ नाम दिया। इस दौरान उन्होंने जनता के सामने अपनी सरकार के दस साल के कामकाज का ब्यौरा दिया और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। केजरीवाल ने कहा, “हमने पिछले दस सालों में ईमानदारी से सरकार चलाई। बिजली और पानी मुफ्त किया, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतरीन बनाया। लेकिन मोदी जी को लगा कि अगर उन्हें हमसे जीतना है, तो हमारी ईमानदारी पर हमला करना होगा। उन्होंने साजिश रची कि हमें बेईमान साबित किया जाए और इसके तहत केजरीवाल, सिसोदिया और आप के कई नेताओं को जेल में डाला गया।”

AAP नेता बोले- मैं पैसा कमाने नहीं, राजनीति बदलना है उद्देश्य

केजरीवाल ने अपने इस्तीफे को लेकर कहा, “मैंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि मैं भ्रष्टाचार करने या पैसा कमाने राजनीति में नहीं आया हूं। मेरा मकसद देश की राजनीति को बदलना है।” उन्होंने बताया कि वह सीएम का बंगला भी जल्द छोड़ देंगे, क्योंकि उनके पास कोई निजी घर नहीं है। केजरीवाल ने भावुक होकर कहा, “दस सालों में मैंने सिर्फ जनता का प्यार कमाया है। इतने लोगों ने मुझे फोन कर कहा है कि मेरा घर ले लो। श्राद्ध खत्म होने और नवरात्रि शुरू होने के बाद मैं किसी एक के घर में रहने आ जाऊंगा।”

केजरीवाल ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “इन नेताओं पर आरोपों का कोई असर नहीं होता क्योंकि उनकी चमड़ी मोटी है। पर मैं नेता नहीं हूं, मैं एक आम आदमी हूं और मुझ पर लगे आरोप मुझे प्रभावित करते हैं। मैंने जनता की अदालत में आने का फैसला इसलिए किया क्योंकि मैं इस दाग के साथ नहीं जी सकता। अगर मैं बेईमान होता, तो मुफ्त बिजली के तीन हजार करोड़ रुपये हड़प लेता, महिलाओं का किराया मुफ्त नहीं करता और बच्चों के लिए स्कूल नहीं बनवाता।”

उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, “22 राज्यों में उनकी सरकार है, लेकिन कहीं भी बिजली मुफ्त नहीं है, महिलाओं के लिए यात्रा मुफ्त नहीं है। अब आप बताइए, चोर कौन है? केजरीवाल चोर है या केजरीवाल को जेल भेजने वाले चोर हैं?” केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि यह जनता की अदालत है और जनता ही असली न्याय करेगी। उन्होंने जनता से पूछा कि क्या उन्हें जेल भेजना न्यायसंगत है या यह एक साजिश है? जनता अदालत में केजरीवाल ने कहा, आपके बीच आकर अच्छा लग रहा है, जंतर मंतर पर पुराने दिन याद आ गए।