Delhi Vidhan Sabha Chunav: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच में कड़ी टक्कर है। हालांकि, बीजेपी की नजर कांग्रेस पार्टी पर भी है। यह ऐसा पहला चुनाव है जहां पर भारतीय जनता पार्टी के नेता चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी मजबूती के साथ में चुनावी दंगल में उतरे। चाहे इस बात को बीजेपी माने या ना माने, लेकिन अंदरखाने यही मान रही है कि कांग्रेस के सही से चुनाव लड़ने से आम आदमी पार्टी को काफी नुकसान होगा। बीजेपी इसे अपने फायदे के तौर पर देख रही है।
इस वक्त बीजेपी के रणनीतिकार 1993 के चुनावों की ओर देख रहे हैं। उस इलेक्शन में बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के बीच में कड़ी टक्कर थी, लेकिन वोटों का जो बंटवारा हुआ उससे ही बीजेपी सत्ता में काबिज हो पाई थी। वीपी सिंह की मंडल राजनीति का प्रभाव भी दिल्ली में नजर आया था। जनता दल को दिल्ली में 12 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे। इसका असर यह दिखा कि कांग्रेस का वोट फीसद केवल 35 पर ही सिमट गया और बीजेपी का वोट शेयर 43 फीसदी हो गया। इस बार भी बीजेपी यह चाह रही है कि कांग्रेस इस बात मजबूती के साथ में चुनाव लड़े जिसकी वजह से उसकी राह आसान हो जाए।
कांग्रेस का पिछले तीन विधानसभा चुनावों में गिरा ग्राफ
2013 से पहले तक कांग्रेस के पास जो वोट बैंक था, उस पर आम आदमी पार्टी ने कब्जा कर लिया है। अब पिछले तीन विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस पार्टी के वोट फीसदी का ग्राफ गिरा है। अपने पहले ही चुनाव में आम आदमी पार्टी को 29.70 फीसदी वोट के साथ 28 सीटों पर जीत मिली। 2008 में 40 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर के साथ 43 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 24.70 फीसदी वोट के साथ आठ सीटों पर सिमट गई। 2013 में कांग्रेस के समर्थन से अरविंद केजरीवाल पहली बार दिल्ली के मु्ख्यमंत्री बने थे। हालांकि, दो विरोधी दलों की गठबंधन सरकार 49 दिन ही चल सकी थी।
दिल्ली में AAP की परेशानी बढ़ाएगी कांग्रेस
Year | AAP | Congress | BJP |
2013 | 28/29.70 | 8/24.70 | 31/33.3 |
2015 | 67/54.5 | 0/9.7 | 3/32.3 |
2020 | 62/53.8 | 0/4.3 | 8/38.7 |
साल 2015 के दिल्ली चुनाव में झाड़ू ऐसी चली कि कांग्रेस शून्य पर सिमट गई और बीजेपी भी तीन सीटें ही जीत सकी। इस चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर 10 फीसदी से भी कम 9.7 फीसदी रहा और पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी। 2020 के दिल्ली चुनाव में भी कांग्रेस दिल्ली विधानसभा में खाता नहीं खोल पाई और वोट शेयर में गिरावट का ट्रेंड भी जारी रहा। इस चुनाव में भी कांग्रेस को 4.3 फीसदी वोट मिले थे।
बीजेपी के मत फीसदी में इजाफा
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के वोट शेयर में लगातार इजाफा हुआ है। दिल्ली में 2013 के मुकाबले 2020 में बीजेपी के मत फीसदी में बढ़ोतरी हुई। बीजेपी का मत प्रतिशत बढ़ा, लेकिन सीटें 28 से घटकर 8 पर पहुंच गई। इसकी वजह आम आदमी पार्टी के मत प्रतिशत का बीजेपी की तुलना में तेजी से बढ़ना रहा है। बीजेपी को साल 2013 में 33.07 फीसदी के करीब वोट मिले थे। वहीं साल 2015 में 32 तो 2020 में 38.51 फीसदी वोट मिले। कौन से तीन वादे पूरे नहीं कर पाए अरविंद केजरीवाल? पढ़ें पूरी खबर…