प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा 2014 से ही मोदी सरकार पर हमलावर हैं। कुछ महीने पहले वह तृणमूल कांग्रेस में भी शामिल हो गए। आजतक न्यूज चैनल पर आयोजित सीधी बात कार्यक्रम में जब एंकर प्रभु चावला ने उनसे पूछा कि क्या आपको भी मोदी के नाम से डर लगता है तो उन्होंने कहा कि आजकल कोई भी बीजेपी सरकार नहीं कह रहा है बल्कि मोदी सरकार कह रहा है। साथ ही उन्होंने कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को रामबाण भी बता दिया।

आजतक न्यूज चैनल पर सीधी बात कार्यक्रम में एंकर प्रभु चावला ने तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा से सवाल पूछते हुए कहा कि लगता है कि भारत की राजनीति व्यक्ति आधारित हो गई है। इसपर जवाब देते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि नहीं यह गलत है। हमारे यहां प्रेसिडेंशियल सिस्टम नहीं है बल्कि संसदीय प्रणाली चलती है। आगे यशवंत सिन्हा ने कहा कि हमारे संसदीय लोकतंत्र में व्यक्ति मुद्दा नहीं होना चाहिए। हम उन चीजों के खिलाफ हैं जो पिछले 7 सालों में इस देश में हुआ है।

यशवंत सिन्हा के इतना कहने पर एंकर प्रभु चावला ने सवाल पूछते हुए कहा कि यह किसके नेतृत्व में हुआ है। इसपर यशवंत सिन्हा ने कहा कि जिसके भी नेतृत्व में हुआ हो, हमें नाम से कोई मतलब नहीं है। इसके बाद प्रभु चावला ने कहा कि क्या आप इसे बीजेपी सरकार कहेंगे या कुछ और कहेंगे या आपको भी मोदी के नाम के डर लगता है। इसके जवाब में यशवंत सिन्हा ने कहा कि आजकल मीडिया में कोई बीजेपी सरकार नहीं कह रहा है। सब लोग तो मोदी सरकार कह रहे हैं। मीडिया ने सब कुछ को मोदी आधारित कर दिया। मैंने नहीं किया और मैं करूंगा भी नहीं।

कार्यक्रम के दौरान एंकर प्रभु चावला ने यशवंत सिन्हा से यह भी सवाल पूछा कि कई लोगों को लग रहा था कि आप प्रधानमंत्री मोदी के सामने रामबाण का काम करेंगे। इसपर यशवंत सिन्हा ने कहा कि मोदी के सामने रामबाण तो ममता बनर्जी थीं। बंगाल चुनाव में जितना योगदान मैं दे सकता था उतना मैंने दिया। इस दौरान यशवंत सिन्हा ने यह भी कहा कि बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत के बाद ममता बनर्जी की राष्ट्रीय छवि बनी है। वह ऐसे नेता के रूप में उभरी हैं जो भाजपा को पटखनी दे सकती है। 

इसके अलावा कश्मीर के सवाल पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि वे एक पांच सदस्यीय ग्रुप के हिस्सा बने और 2016 से ही कश्मीर जाना शुरू किया। आगे यशवंत सिन्हा ने कहा कि आप कल्पना कीजिए कि 2016 में क्या स्थिति थी। वहां काफी हिंसा हो रही थी। जो मीडिया का हाल है कि आजकल सच्चाई सामने नहीं आती है। इसलिए हमने बार कश्मीर जाकर वहां के जमीनी हकीकत को जुटाया और अपने रिपोर्ट में देश के सामने पेश किया।