यूपी में साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हैं। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है और विपक्ष लगातार सत्ता पर काबिज बीजेपी पर हमलावर रुख अपना रही है।

इस राजनीतिक उथल-पुथल के बीच न्यूज चैनल आज तक के शो दंगल में डिबेट हुई, जिसमें कांग्रेस प्रवक्ता राजेश मिश्रा और बीजेपी प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी एक-दूसरे पर निशाना साधते हुए दिखे।

कांग्रेस प्रवक्ता राजेश मिश्रा ने कहा कि यूपी में कभी गाड़ी पलट जाती है और कभी कोई जेल में मर जाता है। यूपी में बीजेपी और समाजवादी पार्टी की वजह से जो स्थिति है, उसे यहां के लोग 30 सालों से भुगत रहे हैं। लोग जाति और मजहब के नाम पर वोट तो ले लेते हैं लेकिन जनता को उसके हाल पर ही छोड़ देते हैं।

उन्होंने कहा कि बीते साढ़े 4 साल में जनता का हाल बुरा है। यहां महंगाई और भ्रष्टाचार है, बेरोजगारी है, इसलिए इस बार कोई जातिगत चुनाव नहीं होने वाला है। कांग्रेस पार्टी ने कभी जातिवाद नहीं किया है।

उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग सबका साथ और सबका विकास की बात करते हैं, वे ये बता दें कि यूपी में अकेले ब्राह्मणों की करीब 600 हत्याएं हुई हैं। ये लोग उन लोगों को खोज-खोजकर निशाना बना रहे हैं, जो इनका विरोध करते हैं, फिर चाहें वो ऊंची जाति का हो या पिछड़ी जाति का।

राजेश मिश्रा के आरोपों पर बीजेपी प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लिए एक कहावत पूरे देश में कही जाती है कि भ्रष्टाचारियों का राजा हूं मैं और गद्दारों का अरमान, अमेठी में ब्राह्मण और वायनाड में मुसलमान।

शलभमणि ने कहा कि क्या हरिओम मिश्रा ब्राह्मण नहीं थे? उनके दरवाजे पर प्रियंका वाड्रा क्यों नहीं गईं? हरिओम मिश्रा के परिजनों के प्रति आपने सहानुभूति क्यों नहीं दिखाई? 2017 में सपा सरकार में ब्राह्मणों की हत्याएं हुईं, तब तो आप उनके साथ चुनाव लड़ने चले गए थे। आपने तो हरिओम मिश्रा की चिता पर जिस तरह की बेशरमी की है, वो पूरा यूपी देख रहा है। इसलिए यूपी की जनता कहती है कि ये यूपी में ब्राह्मण हो जाते हैं और केरल में मुसलमान हो जाते हैं।