नये कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर किसान अड़े हुए हैं। उनका आंदोलन जारी है। इस विषय पर ‘आज तक’ के एक डिबेट शो में कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता संबित पात्रा से कहा कि ‘आप टेंट-टेंट कर रहे हो किसान अपनी जमीन का रेंट मांग रहा है।’ दरअसल शो में मौजूद एंकर रोहित सरदाना ने भाजपा नेता संबित पात्रा से पूछा कि किसान इतनी ठंड में टेंट लगा कर बैठे हैं क्या सरकार को बुरा नहीं लग रहा है? इसका जवाब देते हुए भाजपा नेता ने कहा कि ‘बिल्कुल बुरा लग रहा है। कोई भी किसान ठंड में टेंट लगा कर बैठेगा तो हमें बुरा लगेगा।’

उन्होंने कहा कि कई ऐसे राज्य जहां हमारी सरकार नहीं है वहां के किसानों ने आकर सरकार से मुलाकात की है और उन्होंने इस कानून को सही बताया। फिर जो किसान आंदोलन कर रहे हैं उनसे सरकार ने कहा है कि वो कृषि कानून में संशोधन के लिए तैयार हैं, लेकिन ये जो राजनीतिक पार्टियां अपना टेंट लगाकर अपनी लड़ाइयां लड़ रही हैं वो किसानों को भ्रमित कर रही हैं। आज सुबह से अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के बीच लड़ाई चल रही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह और केजरीवाल एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने वहां किसानों के लिए अपना टेंट लगाया है।

शो के दरमियान एंकर ने आप नेता राघव चड्डा और गौरव वल्लभ से पूछा कि क्या किसानों के आंदोलन का क्रेडिट लेने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच होड़ मची है और दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही हैं? इसका जवाब देते हुए गौरव वलल्भ ने कविता के अंदाज में कहा कि ‘जो भरते हैं मेहनत से हम सब का पेट वो आज दिन भर रहे हैं खाली पेट क्योंकि सरकार कर रही है इन तीन काले कानून को वापस लेने में लेट…हर बार आ रही है एक नई डेट क्योंकि साहब हो गए हैं शूट-बूट की साथियों से सेट…इन्हीं चार लाइनों में इस पूरी आंदोलन की व्यथा है।’

इसके बाद कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि ‘संबित जी ने कहा कि टेंट। संबित जी आप टेंट-टेंट कर रहे हैं और किसान अपनी जमीन का रेंट मांग रहा है..क्योंकि एमएसपी जो आप देते हैं उतने में जमीन का रेंट नहीं है। आप टेंट में लगे हैं वो अपनी जमीन का रेंट मांग रहा है।’

आगे कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा कि ‘मनोहर लाल खट्टर कहते हैं कि किसान खालिस्तानी है। कृषि राज्य मंत्री कहते हैं कि किसान आतंकवादी हैं. हरियाणा के कृषि मंत्री कहते हैं कि वो पाकिस्तान और चीन के एजेंट हैं…पीयूष गोयल कहते हैं कि वो माओवादी हैं..रविशंकर प्रसाद कहते हैं कि यह टुकड़े-टुकड़े गैंग है…वीके सिंह कहते हैं कि फोटो से ये मुझे किसान नहीं लगते। ये बात सही नहीं है