एलोपैथी डॉक्टरों को लेकर दिए गए बयान पर बाबा रामदेव की कड़ी आलोचना हो रही है। आईएमए ने बाबा रामदेव के बयानों की कड़ी निंदा की है और कार्रवाई की मांग की है। इसी बीच एक टीवी डिबेट के दौरान योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि वो मेरा बयान नहीं था, सिर्फ हर्षवर्धन का आदर करते हुए वो बयान वापस ले लिया था। हालांकि टीवी डिबेट में बाबा रामदेव सफाई देते हुए भी कोरोनिल का प्रचार कर गए।
आजतक न्यूज चैनल पर आयोजित डिबेट शो के दौरान एंकर अंजना ओम कश्यप ने बाबा रामदेव से उनके विवादित बयान को लेकर सवाल पूछा। इसपर जवाब देते बाबा रामदेव ने कहा कि वो मेरा बयान नहीं था। डॉ हर्षवर्धन का आदर करते हुए करुणा के साथ इस विवाद को खत्म करने के लिए मैंने अपनी बात कही है। मैं एक व्हाट्सएप मैसेज पढ़ रहा था और वो मेरा बयान नहीं था।
आगे बाबा रामदेव ने कहा कि उन्होंने कभी भी डॉक्टरों के योगदान को नहीं नकारा है। अगर किसी संदर्भ में टिप्पणी की जाती है तो हम उससे इतने असहज क्यों हो जाते हैं। यही टिप्पणी जब अमेरिका के डॉक्टर करते हैं, तब तो हम बोल नहीं पाते हैं। इस दौरान बाबा रामदेव ने एक अख़बार की कटिंग दिखाते हुए दावा किया कि एंटी बायोटिक दवाओं से हर साल 7 लाख लोगों की मौत होती है। साथ ही उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ भी मानता है कि कोरोना की कोई दवा नहीं है, जो भी दिया जा रहा है वो सिर्फ सिम्प्टोमैटिक है।
इसके अलावा बाबा रामदेव ने कहा कि 2021 तक पहुंचते पहुंचते दवाइयों के रिएक्शन की वजह से 462 बड़े ड्रग्स को दुनियाभर में बैन कर दिया गया। आगे बाबा रामदेव ने कहा कि मैं एलोपैथी की आलोचना नहीं कर रहा हूं, एक पूरी फार्मा इंडस्ट्री है, उसका अपना कारोबार है। इसलिए डॉक्टर्स उनके शिकार क्यों हों..डॉक्टर्स शिकारी नहीं होते हैं..कई बार वो शिकार हो जाते हैं। उनको मेडिकल साइंस में जो पढाया जाता है, उस हिसाब से वो दवा करते हैं।
शो के दौरान बाबा रामदेव कोरोनिल का भी प्रचार करने लगे। बाबा रामदेव ने कहा कि मैं मॉडर्न साइंस का सम्मान करता हूं। आयुर्वेद को यदि कोई गाली देता है तो वो भी गलत है और एलोपैथी की आलोचना भी गलत है। साथ ही बाबा रामदेव ने कहा कि एक बार फिर मैं कह रहा हूं कि डॉक्टरों का अनादर करना मेरा मकसद नहीं है। आईएमए के डॉक्टर कहते हैं कि बाबा रामदेव अपनी अवैध दवा को बचाने के लिए ऐसे बयान देते हैं लेकिन ये जो कोरोनिल दवा है उसे भारत सरकार का लाइसेंस मिला हुआ है।