आज तक पर डिबेट के दौरान एंकर रोहित सरदाना ने यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह से पूछा कि परमबीर सिंह बलि का बकरा बन गए थे इसलिए अदालत गए या फिर वे भी राजनीतिक मोहरा हैं और खेल खेल रहे हैं? इसका जवाब देते हुए यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि यहां कोई बलि का बकरा नहीं है ना ही कोई मोहरा है। आपने जो फसल बोई है वही फसल आप काट रहे हैं।

विक्रम सिंह ने कहा कि आपने जब बैक डोर एंट्री से सचिन वाजे की एंट्री कराई थी तो किस कानून के तहत कराई थी। आपने उसको वापस लिया। सचिन वाजे के खिलाफ चार्जशीट दायर थी। हाईकोर्ट में मामला चल रहा था। किस कानून और नियम के तहत आपने उसको सर्विस में लिया? यही नहीं उस को सबसे महत्वपूर्ण पद और केस भी दिए गए। विक्रम सिंह ने कहा कि परमबीर सिंह एक आईपीएस हैं। उनके मामले संज्ञान लेना चाहिए था और उनको एक एफआईआर दर्ज करवा कर, जांच करवानी चाहिए थी। किसी अपराध की जानकारी होने पर मूकदर्शक बने रहना अपराध में शामिल होने जैसा है। बतौर डीजीपी मैंने दो मंत्रियों को गिरफ्तार किया था।

पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने आरोप लगाया कि अनिल देशमुख ने अपनी संविधान की शपथ का पालन नहीं किया।


डिबेट में एंकर ने शिवसेना नेता किशोर तिवारी से पूछा कि महाराष्ट्र सरकार ने भी तय कर लिया कि वह अब परमवीर सिंह की बात सुनना नहीं चाहती है? एंकर ने पूछा कि अब आप भी इस मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं?

शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने कहा कि अगर बीजेपी के पास सबूत है कि सचिन वाजे को लेने के लिए उद्धव ठाकरे ने कहा था तो पेश करना चाहिए। परमबीर सिंह खुद को बचाने के लिए बीजेपी कैंप में चले गए हैं। परमबीर को बीजेपी हवा देने की कोशिश कर रही है।

बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाए हैं कि वे सचिन वाजे को वसूली करने के लिए कहा करते थे। इस संबंध में उन्होंने सीएम उद्धव को एक पत्र भी लिखा है।