उन्नाव रेप केस मामले पर एक लाइव डिबेट के दौरान जब महिला पैनलिस्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की नाकामियों पर सवाल खड़े किए तो बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली तमतमा उठे। इस दौरान दोनों के बीच जबरदस्त नोकझोंक भी हुई। महिला पैनलिस्ट के तर्कों पर बीजेपी प्रवक्ता ने बिल्कुल भी सहमति नहीं जताई और वह कटघरे में खड़ी योगी सरकार का बचाव करते दिखे।

आज तक न्यूज चैनल के लाइव डिबेट कार्यक्रम में शो की होस्ट अंजना ओम कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुरुवार (1 अगस्त 20194) को उन्नाव रेप केस के सभी मामलों को दिल्ली ट्रांसफर करने के आदेश पर पैनल में शामिल सीपीआर की निदेशक रंजना कुमारी से सवाल पूछे। एंकर ने पूछा ‘रंजना जी सवाल पूरे देश का है। समय-समय पर कोई न कोई ऐसा मामला सामने आता है जो देश में प्रतीक बनता है। चाहे वह निर्भया (2012) रहा हो या चाहे उन्नाव केस रहा हो। कैसे एक विधायक पर लगे आरोपों के बावजूद मामला आज तहस-नहस होकर इस मुकाम पर पहुंच गया कि सुप्रीम कोर्ट को केस को वहां (उत्तर प्रदेश) से हटाना पड़ा?

अंजना के इस सवाल पर रंजना ने कहा ‘यूपी पुलिस सुप्रीम कोर्ट द्वारा नकारा साबित हुई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अगर निचोड़ निकाला जाए तो यही साबित होता है कि आपने अपना काम नहीं किया। उत्तर प्रदेश की सरकार आज कटघरे में खड़ी है क्योंकि वह अपराधी के साथ खड़ी है न कि पीड़िता के साथ। बच्ची के साथ 17 साल की उम्र में रेप हुआ था लेकिन वह अब 19 साल की है। अगर एक बच्ची के साथ ऐसी घटना होती है तो पास्को कानून के जरिए 45 दिन के अंदर कोई न कोई फैसला होना चाहिए। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया।’

उन्होंने आगे कहा ‘सीबीआई ने मामले पर चार्जशीट दाखिल की इसके बावजूद विधायक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस वजह से आज यूपी पुलिस, यूपी सरकार और बीजेपी भी कटघरे में खड़ी है। बीजेपी द्वारा कोई भी ऐसा दस्तावेज नहीं दिखाया गया जिसमें यह साबित हो सके कि आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर को निलंबित कर दिया गया है। वह सिर्फ सेंगर को बचाने में लगे हुए हैं क्योंकि ये लोग सिर्फ बाहुबली लोगों के जरिए ही राजनीति करते हैं और इन्हीं के जरिए ही इनकी सरकार बनती है।’

पेनिलस्ट के इस सवाल पर बीजेपी प्रवक्ता ने कहा ‘मैं इस बात को नकारता हूं कि यूपी पुलिस खराब है क्योंकि हर पुलिस फोर्स में अच्छे अफसर भी होते हैं। एक प्रकार से ब्रैंडिश कर देना कि सारे खराब हैं सभी कलंकित हैं और पुलिस में कोई भी काम नहीं करता ये कहना गलत है। ऐसा इसलिए क्योंकि इनमें से ही कई पुलिस अधिकारी ऐसे भी हैं जो दिन-रात काम करके जनता की सेवा करते हैं। लेकिन हां मैं मानता हूं कि कुछ लोग खराब हैं और उन पर कार्रवाई होगी। योगी सरकार ने आरोपी विधायक की मदद नहीं की। जहां-जहां से जानकारियां आईं उसके बाद एफआईआर दर्ज की गई। लेकिन हम भी मान रहे हैं कि इस केस में कमियां रही हैं और इन कमियों को दूर किया जा रहा है।’

मालूम हो कि उन्नाव रेप केस से जुड़े सभी पांच केस सुप्रीम कोर्ट ने यूपी की कोर्ट से दिल्ली ट्रांसफर कर दिए। कोर्ट ने इसके साथ ही प्रमुख केस (रेप) की सुनवाई 45 दिन में पूरी करने का आदेश दिया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की तीन सदस्यों वाली बेंच ने यह आदेश जारी किया। बेंच ने सीबीआई को ट्रक और रेप पीड़िता की गाड़ी में हुई भिंड़त से जुड़े आखिरी और पांचवें केस की जांच सात दिनों में पूरी करने का निर्देश दिया। बता दें कि उस हादसे में पीड़िता के परिवार की दो महिलाओं की जान चली गई थी, जबकि रेप पीड़िता व उनके वकील गंभीर रूप से घायल हुए थे।