आज की ताजा खबर (Aaj Ki Taaja Khabar), Hindi News (हिंदी न्यूज़) LIVE: संसद के दोनों ही सदनों में वक्फ संशोधन बिल पारित हो गया है। इसको लेकर बीती रात करीब ढाई बजे तक राज्यसभा में चर्चा के बाद वोटिंग हुई थी, जिसमें एनडीए के कंफर्टेबल बहुमत और बीजेडी-YSRCP के कुछ सांसदों की वजह से यह बिला आसानी से पास हो गया। संसद से बिल पारित होने के बाद अब यह राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। पीएम मोदी ने बिल पास होने के बाद एक्स पर एक पोस्ट में इस बिल का कानूनी रूप लेने के बाद के फायदे भी गिनाए हैं। वहीं पीएम मोदी तीन दिन के दौरे पर श्रीलंका पहुंच चुके हैं।
मणिपुर को लेकर राज्यसभा में पेश हुआ बिल
राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन के संबंध में प्रस्ताव पेश किया। पिछले दिनों इसे लोकसभा द्वारा मंजूरी दे दी गई थी। वहीं अब राज्यसभा में मणिपुर राज्य के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 356(1) के तहत 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति द्वारा जारी उद्घोषणा को अनुमोदित करने के लिए पेश किया गया।
वक्फ बिल का समर्थन कर फंसे नीतीश कुमार?
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने संसद द्वारा हाल ही में पारित वक्फ अधिनियम पर अपनी चिंता व्यक्त करने के लिए राष्ट्रपति से तत्काल मुलाकात का समय मांगा है, इससे पहले कि वे इसे मंजूरी दें। वहीं, वक्फ संशोधन विधेयक पर भाजपा नेता मोहसिन रजा ने कहा, “यह पिछड़े, गरीब मुसलमानों के उत्थान और उनके कल्याण के लिए है…हमारे देश में पहली बार इस तरह का संशोधन, जो पिछड़े और गरीब मुसलमानों के कल्याण के लिए लाया गया बिल है…यह बहुत अच्छा काम हुआ है ताकि हमारी वक्फ की संपत्तियां सुरक्षित रहें। अब जांच होगी और जो संपत्तियां गलत तरीके से वक्फ बोर्ड ने हटा दीं या दर्ज कर लीं, वो वापस की जाएंगी और वापस ली भी जाएंगी…”
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वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर राज्यसभा में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “हमने इस विधेयक में अपील का अधिकार शामिल किया है। अगर ट्रिब्यूनल में आपको आपका अधिकार नहीं मिलता है तो आप इस अपील के अधिकार के तहत अदालत में याचिका दायर कर सकते हैं।”
किरेन रिजिजू ने कहा कि आज की स्थिति में, 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं। 2006 में अगर सच्चर समिति ने 4.9 लाख वक्फ संपत्तियों से 12,000 करोड़ रुपये की कमाई का अनुमान लगाया था, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि ये संपत्तियां अब कितनी आय उत्पन्न कर रही होंगी।
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर राज्यसभा में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी और उसके सहयोगियों से वक्फ संशोधन विधेयक 2025 का समर्थन करने की अपील करता हूं।
सरकार के इस दावे पर कि केरल के चर्च वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन में हैं, इस पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “हमें उनसे बात करनी होगी और उन्हें समझाना होगा। हम एक मॉडरेट समाधान चाहते थे। यह विधेयक अब राज्यसभा में आएगा। सभी दलों का कहना है कि इन लोगों (मुस्लिम समुदाय) के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।”
लोकसभा में पारित वक्फ संशोधन विधेयक पर महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आसिम आज़मी ने कहा, “सरकार की नज़र वक्फ संपत्तियों पर है। मुसलमानों के साथ अन्याय हो रहा है। हम हमेशा इस विधेयक का विरोध करेंगे। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमात-ए-इस्लामी और जमीयत उलमा-ए-हिंद हमारा नेतृत्व करते हैं और वे जो भी फैसला करेंगे हम उसे लागू करेंगे। सरकार ने मुसलमानों के कल्याण के खिलाफ काम किया। हम इस विधेयक का विरोध करने के उद्धव ठाकरे के फैसले का स्वागत करते हैं।”
वक्फ संशोधन विधेयक पर भाजपा महासचिव तरुण चुघ ने कहा, ”राहुल गांधी और ओवैसी जैसे नेता सिर्फ मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने और उनमें डर पैदा करने का काम कर रहे हैं। यह विधेयक वक्फ में पारदर्शिता और जवाबदेही लाएगा।”
राज्यसभा में अनुराग ठाकुर के एक बयान के बाद हंगामा मच गया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर एक आरोप लगाया जिस पर कांग्रेस ने हंगामा किया। अनुराग ठाकुर ने कहा था कि कर्नाटक में कई कांग्रेसी नेताओं पर वक्फ की संपत्तियां में भ्रष्टाचार करने का आरोप है। उन्होंने दावा किया कि इसमें मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम भी सामने आया था। हालांकि जैसे ही अनुराग ठाकुर ने खड़गे का नाम लिया तुरंत सदन में हंगामा शुरू हो गया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने माफी की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें 2016 में एसएससी द्वारा राज्य द्वारा संचालित और राज्य द्वारा सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए 25,000 से अधिक शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को रद्द कर दिया गया था। सीजेआई संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, “हमें हाईकोर्ट के उस फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई वैध आधार या कारण नहीं मिला है जिसमें कहा गया था कि दागी उम्मीदवारों की सेवाएं समाप्त की जानी चाहिए।”
अमेरिका द्वारा भारत पर 26% ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ लगाए जाने के बाद एसोचैम के चेयरमैन संजय नायर ने कहा, “टैरिफ को देखते हुए मुझे लगता है कि हम पर उतना बुरा असर नहीं हुआ है। 26% टैरिफ संख्या बहुत ज़्यादा लगती है, लेकिन जब आप अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के सापेक्ष देखते हैं, तो यह बेहतर लगता है। मुझे लगता है कि इंटर-एशिया व्यापार, आपूर्ति श्रृंखलाओं का एक बड़ा पुनर्गठन होगा। इसमें समय लगेगा। यह देखते हुए कि फार्मा को छूट दी गई है, हम पर अपेक्षाकृत कम असर होगा, और अब हमारे उद्योग पर यह दायित्व है कि वे एफिशिएंसी के मामले में खेल को आगे बढ़ाएं। भारत को यह भी सोचना होगा कि अमेरिका को हमारे बाज़ार में और अधिक पहुंच कैसे दी जाए।”
सीपीपी की जनरल बॉडी की बैठक में कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने कहा, “कल, वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 लोकसभा में पारित किया गया था और आज इसे राज्यसभा में पेश किया जाना है। विधेयक को प्रभावी रूप से जबरन पारित किया गया। हमारी पार्टी की स्थिति स्पष्ट है। यह विधेयक संविधान पर एक बेशर्म हमला है। यह हमारे समाज को स्थायी ध्रुवीकरण की स्थिति में रखने की भाजपा की जानबूझकर बनाई गई रणनीति का हिस्सा है।”
अब इसको आंकड़ों के हिसाब से समझने की कोशिश करें तो राज्यसभा में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है। उसके पास में कुल 98 सांसद है। वहीं नीतीश कुमार की जेडीयू, तेदेपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और अन्य पार्टियों का भी एनडीए को समर्थन मिला हुआ है। ऐसे में एनडीए के पास कुल 123 सांसद हैं।
लोकसभा में बिल के पक्ष में 288 सांसदों ने वोट किया। वहीं इस बिल के विरोध में 232 सांसदों ने वोट किया। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने बिल का विरोध किया है तो वहीं मोदी सरकार के सहयोगी दलों ने भी खुलकर इस बिल का समर्थन किया है।
राज्यसभा में मौजूद सदस्यों की संख्या 236 है। ऐसे में वक्फ संसोधन विधेयक को पास कराने के लिए मोदी सरकार को 119 सांसदों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी।
वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार देर रात लोकसभा से पारित हो गया। अब इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। लोकसभा में बिल के पक्ष में 288 सांसदों ने वोट किया। वहीं इस बिल के विरोध में 232 सांसदों ने वोट किया।
