पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मंगलवार को 80 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई। वहीं घरेलू रसोई गैस के दाम 50 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़ गए हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी। इस तरह, चुनावी गतिविधियों के कारण पेट्रोल, डीजल की दरों में संशोधन पर साढ़े चार महीने से जारी रोक खत्म हो गई। मूल्यवृद्धि के बाद, दिल्ली में अब पेट्रोल की कीमत 96.21 रुपए प्रति लीटर होगी, जो पहले 95.41 रुपए थी, जबकि डीजल की कीमत 86.67 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर 87.47 रुपए हो गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में बिना सबसिडी वाले, 14.2 किलोग्राम के रसोई गैस सिलेंडर की कीमत बढ़ाकर 949.50 रुपए कर दी गई है।
एलपीजी की दर में अंतिम बार छह अक्तूबर 2021 को संशोधन किया गया था। वहीं, पेट्रोल और डीजल की कीमतें चार नवंबर से स्थिर थीं। एलपीजी की कीमत जुलाई और अक्तूबर 2021 के बीच प्रति सिलेंडर 100 रुपए के करीब बढ़ गई थीं। गैर-सबसिडी वाली रसोई गैस वह है जिसे उपभोक्ता सबसिडी वाले या बाजार से कम दरों पर 12 सिलेंडरों का अपना कोटा खत्म हो जाने के बाद खरीदते हैं। हालांकि, सरकार ज्यादातर शहरों में एलपीजी पर कोई सबसिडी नहीं देती है। बहुचर्चित ‘उज्ज्वला योजना’ के तहत मुफ्त कनेक्शन पाने वाली गरीब महिलाओं समेत सामान्य उपभोक्ताओं को मिलने वाले रिफिल सिलेंडर की कीमत बिना सबसिडी वाले या बाजार मूल्य पर मिलने वाले एलपीजी के समान है।
सूत्रों ने कहा कि पांच किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत अब 349 रुपए होगी जबकि 10 किलोग्राम के मिश्रित सिलेंडर की कीमत 669 रुपए होगी। 19 किलो के वाणिज्यिक सिलेंडर की कीमत अब 2003.50 रुपए है। जून 2017 से पेट्रोल और डीजल की कीमतों को बीते 15 दिन की अंतरराष्ट्रीय दर के अनुरूप दैनिक रूप से समायोजित किया जा रहा है।
ईंधन की कीमतों में वृद्धि को लेकर राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा
पेट्रोल, डीजल और घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) की कीमतों में हुई वृद्धि को लेकर मंगलवार को राज्यसभा में विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा किया। इस कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। दूसरी ओर, संसद के निचले सदन में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह विषय उठाया। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के दाम अचानक बढ़ाए गए हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि कीमतों में की गई बढ़ोतरी वापस लिया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने सदन से बहिर्गमन किया।
सुबह 11 बजे उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने विश्व जल दिवस होने का जिक्र किया और जल संरक्षण की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। सदन ने चीन में सोमवार को एक विमान दुर्घटना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और कुछ देर मौन भी रखा। सभापति ने इसके बाद आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और सदन को बताया कि पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों के मुद्दे पर कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन सहित कुछ अन्य सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिए हैं।
सारे नोटिस को अस्वीकार करते हुए उन्होंने शून्य काल के तहत मुद्दे उठाने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सदस्य वंदना चव्हाण का नाम पुकारा। नायडू ने सदस्यों को सुझाव दिया कि अनुदान मांगों पर होने वाली चर्चा के दौरान वे इस मुद्दे को उठा सकते हैं, लेकिन विपक्षी दलों के सदस्यों पर उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ। मगर हंगामा नहीं थमने पर सदन की कार्यवाही 11 बजकर 10 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे सदन की बैठक फिर शुरू होने पर भी सदन में वही नजारा दिखा। इस पर उपसभापति हरिवंश ने 12 बजकर तीन मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।