केंद्र सरकार पेंशनभोगियों और सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न विभागों के चक्कर लगाने से बचाने और उनको तमाम सुविधाओं को एक ही जगह उपलब्ध कराने के लिए एकल खिड़की की व्यवस्था कर रही है। इसके लिए सरकार ने ‘सिंगल-विंडो’ पोर्टल स्थापित करने की घोषणा की है। इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को दी। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल ना केवल देशभर के पेंशनभोगियों और उनके सहयोगियों से सतत संपर्क बनाए रखने में मददगार होगा, बल्कि त्वरित प्रतिक्रिया के लिए लगातार उनके सुझाव और शिकायत आदि प्राप्त किए जा सकेंगे।
पेंशन नियमों की समीक्षा और व्यवस्थीकरण के लिए स्वैच्छिक एजेंसियों की स्थायी समिति (एससीओवीए) की 32वीं बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आम आदमी के जीवन को आसान बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पेंशन नियमों में क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं।
कार्मिक, जन शिकायत एवं पेंशन मामलों के राज्यमंत्री सिंह ने कहा कि कॉमन पेंशन पोर्टल का मकसद पेंशनभोगियों की सभी समस्याओं का एक ही स्थान पर डिजिटल मंच के जरिये समाधान सुनिश्चित करना है, ताकि उन्हें अलग-अलग विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के बाद से आम आदमी के लिए “ईज ऑफ लिविंग” लाने को पेंशन नियमों मे कई क्रांतिकारी बदलाव लाए गए हैं।
कहा, “कॉमन पेंशन पोर्टल का उद्देश्य पेंशनभोगियों के लिए अपनी शिकायतों को उठाने और व्यक्तिगत रूप से विभिन्न अधिकारियों से संपर्क किए बिना उन्हें हल करने के लिए सिंगल विंडो डिजिटल तंत्र बनाना है।”
कहा कि पेंशन बकाया की प्रक्रिया, मंजूरी या वितरण के लिए जिम्मेदार सभी मंत्रालय इस प्रणाली से जुड़े हुए हैं और समाधान के लिए संबंधित मंत्रालय या विभाग के पास आकलन के बाद शिकायतों को भेजा जाता है। उन्होंने कहा, “पेंशनभोगी, साथ ही नोडल अधिकारी, सिस्टम में निपटान तक ऑनलाइन शिकायत की स्थिति देख सकते हैं।”
स्कोवा हितधारकों यानी पेंशनभोगियों के साथ उनके संगठनों और संबंधित मंत्रालयों/विभागों के माध्यम से परामर्श करने के लिए एक उपयोगी मंच है।यह संघों को पेंशनभोगियों के कल्याण आदि से संबंधित अपने मुद्दों को सीधे संबंधित मंत्रालयों/विभागों के समक्ष उठाने का अवसर प्रदान करता है। बैठक में जम्मू, जयपुर, तमिलनाडु, कर्नाटक, चंडीगढ़ और देश के अन्य हिस्सों के पेंशनभोगी संगठनों ने भाग लिया।
बैठक में सीजीएचएस वेलनेस सेंटरों में डॉक्टरों की कमी, पेंशनभोगियों की समय-समय पर स्वास्थ्य जांच, जम्मू में सीजीएचएस वेलनेस सेंटर से जुड़े विभिन्न मुद्दों, आजीवन बकाया के लिए पेंशनभोगियों का नामांकन, पेंशन अदालत और चुने हुए पेंशनभोगियों के संघों को अनुदान सहायता और लैपटॉप मंजूरी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई।
सिंह ने कहा कि हमें सेवानिवृत्त कर्मचारियों के ज्ञान, अनुभव और प्रयासों का अच्छा उपयोग करने पर जोर देने की जरूरत है जो पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के मूल्यवर्धन में मदद कर सकते हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि नवंबर 2020 में डाकिया के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) जमा करने के लिए डोरस्टेप सेवा शुरू होने के बाद से इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) के माध्यम से 3,08,625 से अधिक जीवन प्रमाण पत्र किए जा चुके हैं।