बिहार के दो निगमों हथकरघा और हस्तशिल्प के 1997 से लंबित 650 कर्मचारियों का वेतन बकाया था। जो गुरूवार को उद्योग मंत्री शहनवाज हुसैन के पहल पर 25 साल बाद दिया गया। वेतन की पहली और दूसरी किस्त मिलाकर कुल 80 करोड़ रुपये बांटे गए। इसमें कुछ राज्य औषधि और रसायन निगम के कर्मचारी भी शामिल रहे। मंत्री ने इस दौरान कहा कि अन्य कर्मचारियों का वेतन सरकार जल्द ही जारी कर देगी। उन्होंने कहा कि बिहार में सरकार उद्योग स्थापना के नाउम्मीदों को उम्मीदों में बदलेगी।
पटना में उद्योग भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उद्योग मंत्री ने कहा कि सरकार बिहार में नए उद्योग लगाने के लिए प्रयासरत है। इसके अलावा सरकार पुराने उद्योग और उद्यमी के पुर्नउद्धार को लेकर भी सोच रही है। आने वाले समय में बिहार में उद्योग स्थापना की गति तेज होगी।
इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि बहुत से लोग वेतन पाने की उम्मीद छोड़ चुके थे और कई तो इंतजार में बूढ़े भी हो चुके हैं। मंत्री ने कहा कि पहली किस्त के दौरान 25 करोड़ की रकम दी गई थी और आज 55 करोड़ की रकम 650 कर्मियों को दी गई है।
यह रकम बिहार राज्य हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम और बिहार राज औषधीय एवं रसायन निगम के 650 कर्मियों के सीधे खाते में भेजा गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयास से 25 साल बाद लाखों का वेतन कर्मचारियों को दिया गया है। इस दौरान उन्होंने जानकारी दी कि बाकी बचे हुए कर्मचारियों के दस्तावेज जुटाकर उनका वेतन भी सीधे खाते में भेजा जाएगा।
बता दें कि इससे पहले बिहार राज्य औषधि एवं रसायन विकास निगम के 280 कर्मियों का वेतन 34.93 करोड़ रुपये और बिहार राज्य हस्तकरघा एवं हस्तशिल्प निगम के 370 कर्मियों का बकाया वेतन 46 करोड़ रुपये दो किस्त में जारी किया गया था।