सुरेंद्र सिंघल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह कर्मयोगी भाऊराव देवरस की स्मृति में भाऊराव देवरस सेवा न्यास अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में रोगियों और उनके तीमारदारों को ठहरने और भोजन आदि की तमाम जरूरी सुविधाए मुहैया करा रहा है। यह न्यास अभी तक पांच एम्स में माधव सेवा विश्राम सदन बना चुका हे। छठा विश्राम सदन 56 करोड़ की लागत से ऋषिकेश में बनने जा रहा है। जो 2023 तक रोगियों को समर्पित कर दिया जाएगा। यहां पर उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों के रोगी और उनके तीमारदारों को तमाम तरह की सुविधाएं मिलेंगी।
न्यास के अध्यक्ष ओमप्रकाश गोयल और इस प्रकल्प के प्रमुख संजय गर्ग के अनुसार एम्स के नजदीक 3.30 एकड़ भूमि पर बनने वाले इस विश्राम सदन में 135 कमरे और वहां आने वाले अतिथियों के लिए 400 बिस्तरों की व्यवस्था रहेगी। 26 करोड रुपए दानदाताओं ने शिलान्यास समारोह में ही न्यास को देने की घोषणा कर दी।
इसमें तीमारदारों को 150 रूपए में कमरा, 50 रूपए में बिस्तर, 25 रुपए में भोजन और 10 रुपए में नाश्ता मिलेगा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने माधव सेवा न्यास को हर संभव मदद देने का भरोसा देते हुए कहा कि यह गरीबों की सेवा का गैर व्यवसायी सदन होगा। वह सेवा परमो धर्म के सिद्धांत को आगे बढ़ाने के लिए माधव सेवा न्यास से जुडेÞ हर श्रमसेवक को नमन करते हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सर कार्यवाह एवं अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य श्री सुरेश भैया जी जोशी ने इस को अपना आशीर्वाद देते हुए कहा कि भाऊराव देवरस जी का पूरा जीवन राष्ट्र और भारत मां की धरती को समर्पित था। 20 वर्ष की आयु में वर्ष 1937 में सर संचालक डा. केशव बलीराम हेडगेवार ने संघ की विस्तार योजना के तहत भाऊराव जी को नागपुर से लखनऊ उत्तर प्रदेश भेज दिया था।
उन्होंने 1952 में समग्र शिक्षा अभियान के लिए शिशु मंदिर योजना शुरू की थी। जोशी जी ने कहा कि श्रद्धेय भाऊराव जी देवरस ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख, माननीय राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया, अटल बिहारी वाजपेयी जैसी बडी शख्सियतों को राष्ट्र सेवा के लिए तैयार किया। वह सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछडे वर्ग के लोगों के विकास के धेय को लेकर चले। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं की योजनाओं को मूर्त रूप दिया।
