दूसरी तिमाही में जीडीपी 6.3 प्रतिशत पर आने का पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने स्वागत किया है। लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि यह ट्रेंड पूरे वित्त वर्ष बना रहेगा, यह देखना होगा। चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार ने जो वादा किया था, उससे 6.3 प्रतिशत की विकास दर बहुत दूर है। भारत की जीडीपी जुलाई-सितंबर तिमाही में सुधरकर 6.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है। पहली तिमाही में यह 5.7 प्रतिशत थी। मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के कड़े आलोचक माने-जाने वाले चिदंबरम ने कहा कि यह अच्छा है कि जीडीपी में गिरावट का ट्रेंड रुक गया है, जो पिछले 5 महीनों से चलता आ रहा था। ट्वीट कर चिदंबरम ने कहा कि यह देखकर मैं खुश हूं कि जुलाई-सितंबर तिमाही में 6.3 प्रतिशत की विकास दर रही। इससे पिछली पांच तिमाहियों की गिरावट पर ब्रेक लगा है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले हमें अगली 3-4 तिमाहियों की वृद्धि दर देखनी चाहिए।

इससे पहले जीएसटी की अधिकतम सीमा 18 फीसदी तय करने संबंधी कांग्रेस की मांग की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आलोचना किए जाने के बाद गुरुवार को चिदम्बरम ने सवाल किया कि क्या यही राय रखने वाले सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार भी स्टूपिड हैं। चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, अगर टैक्स दर को अधिकतम 18 प्रतिशत तय करने की दलील ग्रैंड स्टूपिड थॉट (बहुत बकवास विचार) है तो क्या अरविंद सुब्रमण्यम और अन्य कई अर्थशास्त्री भी स्टूपिड हैं। क्या प्रधानमंत्री ऐसा कह रहे हैं?

वहीं जीडीपी वृद्धि दर के रफ्तार पकड़ने पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘‘भारत की निर्वाध’ यात्रा की कहानी बयां करता है । उन्होंने विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि को सकारात्मक संकेत बताया। शाह ने अपने ट्वीट में कहा कि जीडीपी वृद्धि के मजबूती से वापस गति पकड़ना मोदी सरकार के ठोस आर्थिक प्रबंधन को दिखाता है। मोदी सरकार के सुधार कार्यक्रमों से वृद्धि में तेज गति आई है और इससे मजबूत एवं स्थिर अर्थव्यवस्था बनाने के साथ गरीब एवं मध्यम वर्ग के लिए अवसर बढ़े हैं। शाह ने कहा कि भारत कारोबार की दृष्टि से सुगम स्थल की रैंकिंग में आगे बढ़ा है, मूडी ने रैंकिंग बेहतर की है और स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने इसकी प्रशंसा की है। दूसरी तिमाही में मजबूत वृद्धि भारत के उत्थान को प्रर्दिशत करता है।