अमित शाह समेत 503 सांसदों ने 2019 में सांसद चुने जाने के बाद तय समय सीमा के अंदर अपनी संपत्ति का विवरण नहीं दिया। इस बात का खुलासा एक आरटीआई में हुआ है। एसेट्स रूल्स 2004 के मुताबिक प्रत्येक सदस्य को अपने चुनाव के 90 दिनों के भीतर अपनी संपत्ति का विवरण देना चाहिए। इस कानून के नियम 3 में कहा गया है कि लोकसभा के लिए प्रत्येक निर्वाचित उम्मीदवार जिस दिन वह चुनाव जीतते हैं या शपथ लेते हैं।उस तारीख से 90 दिनों के भीतर उसे अपनी चल- अचल संपत्ति जिसका वह उसके पति या उसके आश्रित बच्चे संयुक्त रूप मालिक या लाभार्थी हो ऐसी सारी जानकारियां साझा करनी होती हैं।

विवरण ना दे पाने वालों की लिस्ट में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और वायनाड के सांसद राहुल गांधी शामिल हैं।संपत्ति का विवरण जमा करने से जुड़ी यह बात उधम सिंह नगर जिले में काशीपुर के एक आरटीआई कार्यकर्ता नदिमुद्दीन द्वारा दायर किए गए सवालों में सामने आई है।

जवाब में यह भी पता चला है कि 543 सदस्यों में से, केवल 36 सांसदों ने निर्धारित समय सीमा के अंदर अपने विवरण प्रस्तुत किए थे। 36 सांसदों में से 25 भारतीय जनता पार्टी के हैं, 8 अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के हैं।

इसके अलावा एक बीजू जनता दल, एक एआईडीएमके और एक शिवसेना के सांसद इस लिस्ट में शामिल हैं। इस लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, स्मृति ईरानी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद इस लिस्ट में शामिल हैं।दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के एक भी सांसदों ने समय पर अपनी संपत्ति का विवरण नहीं दिया है।

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