देश में कोरोना विषाणु संक्रमण की बेहद खराब स्थिति होने पर भी देश के आधे लोग मास्क नहीं लगाते हैं। जो लगाते भी हैं तो वे ठीक से नहीं लगाते। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि देश में 50 फीसद लोग ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क का उपयोग करते हैं। सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से केवल सात फीसद ही ठीक से मास्क का उपयोग करते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में एक सर्वेक्षण के हवाले से कहा कि कोरोना महामारी से बचने के लिए सिर्फ 50 फीसद लोग ही मास्क का उपयोग करते हैं। अग्रवाल ने बताया कि जो लोग मास्क पहनते भी हैं तो वे ठीक से नहीं मास्क का इस्तेमाल नहीं करते हैं। उन्होंने सर्वेक्षण का हवाला देकर बताया कि जो आधे लोग मास्क पहनते हैं, उनमें से 64 फीसद सिर्फ मुंह को ढंकते हैं और नाक को खुली रखते हैं। 20 फीसद मास्क को ठोड़ी पर रखते हैं। वहीं दो फीसद लोग मास्क को गले में लटकाकर रखते हैं। 14 फीसद लोग ही मास्क से अपने मुंह, नाक और ठोड़ी को ढकते हैं यानी सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से केवल सात फीसद ही सही तरह से मास्क का उपयोग करते हैं। अग्रवाल के मुताबिक देश के 25 शहरों में किए गए इस सर्वेक्षण में दो हजार से अधिक लोगों को शामिल किया गया था।
मास्क नहीं पहनने पर संक्रमण का 90 फीसद खतरा
अग्रवाल ने बताया कि मास्क पहनना कितना जरूरी है, उसे इस बात से समझा जा सकता है कि अगर आप संक्रमित व्यक्ति से बिना मास्क पहने दो गज की दूरी बनाकर भी मिलते हैं तो आपके संक्रमण होने का खतरा 90 फीसद है। यदि आप और संक्रमित व्यक्ति दोनों मास्क पहनते हैं और दो गज की दूरी रखते हैं तो खतरा बिल्कुल नगण्य हो जाता है।
मास्क कब पहनें
घर से बाहर निकलते समय मास्क जरूर पहनें। इसके अलावा जब आपके घर में बाहर के लोग आएं तो भी मास्क उपयोग करें। मास्क तब भी पहनें जब आपको आसपास के लोगों में संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हों क्योंकि जिन लोगों में लक्षण नहीं दिखते हैं, वे भी संक्रमण फैला सकते हैं।
दोहरा मास्क पहनें
सरकार की ओर से अनुसंशा की गई है कि लोग दोहरा मास्क पहनें। पहले दो या तीन परतों वाला सर्जिकल मास्क लगाएं और उसके ऊपर कपड़े का मास्क पहनें। अगर किसी के पास सर्जिकल मास्क नहीं हैं तो कपड़े के दो मास्क भी पहने जा सकते हैं। आमतौर पर एक सर्जिकल मास्क को एक बार ही उपयोग किया जाता है लेकिन कपड़े के मास्क के साथ सर्जिकल मास्क को पांच बार तक उपयोग किया जा सकता है। एक बार उपयोग करने पर इसे धूप में सुखाएं और सात दिनों बाद उपयोग करें। सर्जिकल मास्क को कभी धोना नहीं चाहिए। एन 95 मास्क अधिकतम सुरक्षा देता है।
भौतिक दूरी भी जरूरी
अग्रवाल ने बताया कि एक अध्ययन के अनुसार कोई संक्रमित व्यक्ति यदि किसी भी भौतिक दूरी के नियम का पालन नहीं करता है तो वह 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है। लेकिन यदि वही संक्रमित व्यक्ति भौतिक दूरी के नियम को 75 फीसद मानता है तो वह 30 दिन में सिर्फ ढाई लोगों को ही संक्रमित कर पाएगा। अगर वह सौ फीसद भौतिक दूरी अपना है तो वह किसी को भी अपना संक्रमण नहीं देगा और संक्रमण की शृंखला टूट जाएगी।
कई लोग नहीं ढकते नाक को
एक सर्वेक्षण के मुताबिक जो आधे लोग मास्क पहनते हैं, उनमें 64 फीसद सिर्फ मुंह को ढंकते हैं और नाक को खुली रखते हैं। 20 फीसद मास्क को ठोड़ी पर रखते हैं। वहीं दो फीसद लोग मास्क को गले में लटका कर रखते हैं। 14 फीसद लोग ही मास्क से अपने मुंह, नाक और ठोड़ी को ढकते हैं यानी सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से केवल सात फीसद ही सही तरह से मास्क का उपयोग करते हैं।